जबलपुर में मानव तस्करी गिरोह का खुलासा, शहर की लड़कियों को राजस्थान ले जाकर बेचा

जबलपुर में मानव तस्करी गिरोह का खुलासा, शहर की लड़कियों को राजस्थान ले जाकर बेचा

जबलपुर 
मध्य प्रदेश का जबलपुर एक बार फिर मानव तस्करी के मामले में सुर्खियों में है. इस बार मानव तस्करी का खुलासा अधारताल पुलिस ने किया है, जिसमें एक गिरोह ने जबलपुर और आसपास के जिलों से करीब 18 लड़कियों को दूसरे राज्यों में ले जाकर बेचने का अपराध कबूल किया है. ये सभी लड़कियां कमजोर और गरीब तबके की थीं. जिन्हें नौकरी और अच्छे घरों में शादी का झांसा देकर ले जाया जाता था. बहरहाल पुलिस इस गिरोह से गहन पूछताछ कर रही है.

अधारताल पुलिस ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग में लगे एक परिवार के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जो नौकरी और अच्छी तन्ख्वाह का झांसा देकर गरीब परिवार की लड़कियों को अपना निशाना बनाया करते थे. आरोपियों की सरगना सुनीता यादव युवतियों को ब्यूटी पार्लर का काम सिखाया करती थी बाद में लडकियों का भरोसा जीतने के बाद उन्हें अच्छी नौकरी का झांसा देकर राजस्थान, गुजरात सहित अन्य प्रदेशों में ले जाकर पहले तो जबरन शादी कराते थे. जिसके एवज में सामने वाले से तय कीमत लिया करते थे.

गिरोह के सदस्य यानी आरोपी सुनीता का बेटा और पति लड़की के खरीदार से सौदा तय करने का काम किया करते थे. पीड़ित लड़कियां किसी से संपर्क ना कर सकें इसलिए आरोपी लड़कियों का मोबाइल जप्त कर लेते थे. मानव तस्करी में लगे इस गिरोह ने ज्यादातर जबलपुर से लगे छोटे जिलों की लड़कियों को अपना शिकार बनाया है. इस गिरोह में 7 सदस्य थे जिस में पुलिस ने अभी 4 को गिरफ्तार किया है. अन्य प्रदेशों में रहने वाले तीन और सदस्यों को गिरफ्तारी के लिए टीम का गठन किया है.

आरोपियों को पकड़ने में उस समय सफलता मिली जब इसी तरह से शिकार हुई लड़की राजस्थान से भाग कर जबलपुर पहुंची और परिवार के साथ थाने में पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस को जांच में पता चला कि यह गिरोह पिछले 10 साल से सक्रिय था. गिरफ्तारी के बाद अभी तक करीब 15 मामलों का खुलासा हो चुका है.

आरोपी सुनीता ने पूछताछ में बताया कि वह युवतियों को अच्छी खासी नौकरी या रजवाड़े परिवार में शादी का झांसा देकर राजस्थान ले जाती थी. जिसपर गरीब परिवार की लड़कियां व परिजन उसके झांसे में आ जाते थे. जिस परिवार पर उसे संदेह रहता था, उस परिवार की केवल लड़कियों को ही झांसे में लिया जाता था. बाद में चंगुल में फंसी कोई लड़की अगर विरोध करती थी, तो वह उनकी अश्लील फोटो व वीडियो बनाकर वायरल करने की धमकी देकर शांत करा देती थी.