एमपी में पहले चरण के चुनाव का संग्राम, राहुल गांधी के भरोसे कांग्रेस!

एमपी में पहले चरण के चुनाव का संग्राम, राहुल गांधी के भरोसे कांग्रेस!

जबलपुर
मध्य प्रदेश में 29 अप्रैल को होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां कमर कस चुकी हैं. इस चरण में छह सीटों पर चुनाव होंगे. जिनमें सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंडला, बालाघाट और छिंदवाड़ा सीटें शामिल हैं. विंध्य और महाकौशल के इलाके में होने वाले पहले चरण के चुनाव में कांग्रेस राहुल गांधी के चेहरे के भरोसे मैदान में उतर रही है.

दरअसल, कांग्रेस ने उन सीटों पर फोकस बढ़ा दिया है, जहां पार्टी को बीते चुनाव में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था. इसी कड़ी में राहुल गांधी 23 तो, 26 अप्रैल को मोदी की इस इलाके में सभाएं हैं. राहुल गांधी की सभा के लिए पार्टी ने शहडोल और जबलपुर के सिहोरा को चुना है. कांग्रेस ने राहुल गांधी के जरिए कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने का प्लान तैयार किया है.

इसकी शुरुआत 23 अप्रैल को शहडोल और जबलपुर से होगी. राहुल गांधी की सभा के लिए पार्टी ने शहडोल और जबलपुर के सिहोरा को चुना है. शहडोल की तीन विधानसभा सीटों ब्यौहारी, जय सिंह नगर और जैतपुर पर बीजेपी का कब्जा है. यहां कांग्रेस ने बीजेपी से आई प्रमिला सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है, तो वहीं जबलपुर के सिहोरा विधानसभा भी बीजेपी के कब्जे वाली विधानसभा है. यहां से कांग्रेस के दिग्गज नेता विवेक तंखा कांग्रेस प्रत्याशी है.

कांग्रेस की कोशिश है कि राहुल गांधी के चुनावी सभा के जरिए बीजेपी के वोट बैंक में सेंध लगाई जा सके और यही कारण है कि राहुल गांधी के एमपी प्रचार की शुरुआत के लिए शहडोल और जबलपुर को चुना गया है.

सिर्फ महाकौशल नहीं बल्कि कांग्रेस के राडार विंध्य इलाका भी है, जहां 2018 के चुनाव में कांग्रेस को सबसे ज्यादा निराशा हासिल हुई थी और यहां कांग्रेस को मजबूत करने का जिम्मा खुद कमलनाथ ने संभाल लिया है. सीएम कमलनाथ 17 अप्रैल को सीधी के हिनौता, शहडोल के ब्यौहारी में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे.

बहरहाल 2019 के संग्राम में एक दूसरे को घेरने के लिए बीजेपी और कांग्रेस पूरा जोर लगा रहे हैं. कांग्रेस की कोशिश हारे इलाकों पर जीत का परचम लहराने की है तो बीजेपी के सामने अपनी सीटों पर जीत को बरकरार रखने की चुनौती है. क दूसरे की घेराबंदी में जुटे बीजेपी और कांग्रेस में किसका दांव सफल साबित होता है, ये चुनाव बाद ही पता चलेगा.