जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल से चरमराईं स्वास्थ्य सेवा
जबलपुर
अपनी लंबित मांगों को मनवाने के लिए एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाओं को हथियार बनाकर हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टर्स और नर्सों के साथ अब स्वःशासी और शासकीय कर्मचारियों ने भी अपनी आहूति दे डाली है.कर्मचारियों,नर्सेस और जूडा की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमरा गई हैं.जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में तेज़ बारिश के बावजूद जूनियर डॉक्टर्स और नर्सेस ने टेंट लगाकर अपना विरोध प्रदर्शन दर्ज कराया.सभी ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर जल्द उनकी मांगों को पूरा करने आह्वान किया है.गौरतलब है कि जूनियर डॉक्टर्स स्टायपैन्ड बढ़ाने, नर्सेस और लिपिक वर्गीय कर्मचारी सातवें वेतनमान का लाभ 1 जनवरी 2016 से देने की मांग कर रहे हैं.
उधर जूनियरों और तमाम स्टाफ के हड़ताल पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री शरद जैन का कहना है कि बहुत सहानभूति पूर्वक सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं और विभाग में कार्यरत कर्मचारियों के लिए विचार किया है.इसके बावजूद हड़ताल कर कर्मचारियों और डॉक्टरों का हड़ताल करना उचित नहीं है.उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही सातवें वेतनमान का लाभ दे दिया है, ऐसे में अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है.मंत्री ने हड़ताल कर रहे संगठनों के पदाधिकारियों को चर्चा के लिए खुला आमंत्रण दिया है ताकि बीच का रास्ता निकाला जा सके.हड़ताली कर्मचारियों और डॉक्टरों पर एस्मा लगाने की बात पर मंत्री ने कहा कि इससे समस्या का कोई हल नहीं निकलेगा.