टांडा नदी उफान पर, जान जोखिम में डाल रहे राहगीर तो कोई वापस लौट रहे

टांडा नदी उफान पर, जान जोखिम में डाल रहे राहगीर तो कोई वापस लौट रहे

बालाघाट
जिले की बिरसा तहसील से लांजी के बीच पड़ने वाली टांडा नदी एक बार फिर उफान पर आ चुकी है। वही निर्माणाधीन पुल निर्माण कार्य अध्ूारा होने के कारण राहगीरों को रास्ता बदलना पड रहा है। बता दे, यहां लंबी मांग के बाद शासन प्रशासन ने बड़ा पुलिया निर्माण कराने का काम शुरूआत तो कराया है, लेकिन तीन साल बाद भी कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। नदी पर बने सालों पुराने पुलिया की ऊंचाई अत्यधिक कम होने से बारिश के दिनों में कई बार बाढ़ के हालात निर्मित होते है। ऐसे में क्षेत्र के आदिवासियों को बारिश के चार माह मुसीबत का सफर तय करना पड़ता है।

बारिश में कई बार आदिवासी जान जोखिम में डालकर पुलिया भी पार करते है। जिसकी मार्मिक तस्वीरे सामने आई है जहां लोग बांस के सहाये बाईक को कांधे पर लादकर नदी पार करते नजर आ रहे है। आखिर, पुलिया का निर्माण कार्य कब पूर्ण होगा, यह सवाल बनकर रह गया है। बिते दिवस हुई तेज बारिश की वजह से टांडा नदी पर बना पुलिया उफान पर आ गया। जिससे कई राहगीरों पीछे ही वापस लौटना पड़ रहा है तो वही कुछ राहगीर जान जोखिम में डालकर नदी पार करते नजर आ रहे है।

पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश से किसानों के चेहरे तो खिल गए वही कुछ एक जगह जनता परेशान नजर आती दिखी। क्योकि कहीं पर पुल की सुविधा नहीं है, तो कहीं जलभराव की स्थिति देखते मिलती है। टांडा नदी पर बना रहा पुल का कार्य अधूरा होने के कारण क्षेत्र की जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पुल निर्माण में देरी की वजह समझ के परे है। पुल का निर्माण करने वाले ठेकेदार का कहना है कि वनविभाग एनओसी नही दे रहा है। परंतु अगर वन विभाग अभी तक एनओसी नही दिया था तो इतना लंबा पुल का निर्माण कैसे हो गया। जानकारी यह है कि एनओसी प्रदान नही होने के कारण वन विभाग ने उक्त पुल निर्माण कार्य रूकवा दिया है जिसका दंश क्षेत्रिय जनता भुगतना पड रहा है।