जांच के लिए एक बार फिर जबलपुर आएगी एनआईए की टीम

जांच के लिए एक बार फिर जबलपुर आएगी एनआईए की टीम

जबलपुर 
मध्य प्रदेश के जबलपुर सीओडी फैक्ट्री से निकली एके-47 के मामले में एनआईए की टीम ने जबलपुर में दो दिन रुककर जांच की, लेकिन उस जांच को पूरी तरह से गुप्त रखा गया. इस मामले में बुधवार को एक बार फिर एनआईए की टीम जबलपुर पहुंच सकती है. गौरतलब है कि चार माह पूर्व मुंगेर में पकड़ी गई एके-47 राइफल के तार के तार जबलपुर की सीओडी फैक्ट्री से जुड़ने के बाद दो राज्यों की पुलिस और एनआईए की टीम लगातार जांच कर नए-नए खुलासे कर रही है.

इस बार भी जब एनआईए की टीम जबलपुर पहुंची तो उसने तिलवाड़ा, ग्वारीघाट और गौर नदी के तटों पर एके-47 के कलपुर्जों की तलाश की. दरअसल, इस मामले के मुख्य आरोपी सीओडी के रिटायर्ट आर्मोरर पुरुषोत्तम रजक ने पूछताछ में बताया था कि राइफल के कई कलपूर्जे नदियों के किनारे फेंक दिये थे, जिसके बाद से लगातार उनकी तलाश की जा रही थी. वहीं विधानसभा चुनाव के पहले जबलपुर पुलिस ने पुरुषोत्तम के ग्वारीघाट स्थित घर पर छापा मारकर कुछ नकदी, राइफल असेम्बल करने वाले औजार एवं कलपुर्जे बरामद किए थे.

इस मामले में यह बात भी सामने आ रही है कि सीओडी फैक्ट्री द्वारा इस मामले में सहयोग नहीं किया जा रहा है, जिससे जांच टीम और पुलिस को काफी परेशानी आ रही है. हालांकि एसपी एनआईए की टीम द्वारा जबलपुर पहुंचकर जांच करने की पुष्टि कर रहे हैं. एसपी अमित सिंह ने बताया कि मामले में नया मोड़ तब आया जब उनके पास एक गुप्त पत्र द्वारा जानकारी पहुंची कि जबलपुर में कुछ रसूखदारों के पास एके-47 राइफल्स है. हालांकि एसपी ने कहा कि जब से भारत में एके-47 बनना शुरू हुई है तब से यह अभी तक किसी भी आम नागरिक के पास नहीं पाई गई है.