डार्क चॉकलेट से एक महीने में करें चर्बी कम

किसी को आपके लिए खास होने का एहसास दिलाने के हम अक्सर चॉकलेट गिफ्ट करने का तरीका अपनाते हैं। चॉकलेट है ही ऐसी चीज की किसी भी उम्र में इसे न नहीं कहा जा सकता। कोको से बनाया जानेवाला चॉकलेट देखते ही मुंह में पानी आ जाता है। जब मीठे में कुछ न मिले तो हम चॉकलेट खाकर ही खुश हो जाते हैं। अपने गुणों और स्वाद के आधार पर चॉकलेट मार्केट में विभिन्न वैरायटी में उपलब्ध है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि डार्क चॉकलेट के वेटलॉस करने समेत कई हेल्थ बेनेफिट्स भी हैं। आज चॉकलेट डे के मौके पर जानते हैं डार्क चॉकलेट के हैल्थ बेनेफिट्स।
हाई शुगर लेवल के हालात से बचाता है
यह समझने के लिहाज से उतना आसान नहीं है, लेकिन असल में डार्क चॉकलेट आपके जबरदस्त भूखे होने पर आपकी भूख के अहसास को कंट्रोल करता है। ज्यादातर वेटलॉस प्लान में आपको मीठा खाने की इच्छा पैदा होती है और आप मीठा की तरफ टूट पड़ते हैं, लेकिन डार्क चॉकलेट की थोड़ी-सी मात्रा आपको हाई शुगर लेवल और लो-न्यूट्रीशनल वैल्यू तक पहुंचने से रोकता है।
डार्क चॉकलेट बॉडीफैट को करता है कम
अमेरिकन केमिकल सोसाइटी के जर्नल ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड फ़ूड केमिस्ट्री के अनुसार, चॉकलेट में मौजूद कुछ फ़्लेवनोल्स की बदौलत, ब्लड शुगर और फैट को कम करने में मददगार होने की बात पता चली है। 'फ़्लेवनोल्स' दरअसल प्लांट बेस्ड न्यूट्रीएंट्स हैं और मिल्क चॉकलेट के मुकाबले डार्क चॉकलेट में ज्यादा पाए जाते हैं। हालांकि, किसी भी चीज की अति वजन बढ़ाने का कारण बन सकता है, इसलिए खाई जाने वाली मात्रा पर ध्यान देना जरूरी है।
डार्क चॉकलेट भूख को करता है कंट्रोल
चॉकलेट में वास्तव में फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जो आपकी भूख के शांत और तृप्त होने के एहसास को बढ़ाने में मदद करती है। 70% डार्क चॉकलेट के एक 3.5-औंस बार में आपके रोजाना के सुझाए गए सेवन का लगभग 16% होता है। हालांकि ओटमील या ब्रोकली जैसे खाद्य पदार्थों में फाइबर सबसे ज्यादा होता है। फिर भी जब हम मिठाई की बात कर रहे हैं तो डार्क चॉकलेट चुनने में देर न लगाएं।
डार्क चॉकलेट तनाव को करता है कम
जर्नल ऑफ़ प्रोटीन रिसर्च में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक, हर दिन थोड़ी मात्रा में चॉकलेट खाने से आपको तनाव से आराम मिल सकता है। तनाव वजन को बढ़ाता है क्योंकि यह आपके कोर्टिसोल लेवल को ऊपर अचानक बदलाव कर, भूख बढ़ाने और शारीरिक ज़रूरतों के बजाय भावनाओं के आधार पर खाने के लिए प्रोत्साहित करने का कारण बनता है। नतीजतन आप ओवरईटिंग का शिकार हो जाते हैं। अगर आप अपने स्ट्रैस लेवल को मैनेज कर सकते हैं, तो आप अपने खाने की मात्रा को भी कंट्रोल कर सकते हैं। डार्क चॉकलेट खाने से मस्तिष्क में सेरोटोनिन और एंडोर्फिन का लेवल बढ़ता है, जो तनाव और चिंता की भावनाओं को कम करने और आपके मूड को बेहतर बनाने में मददगार है।
सूजन को कम करने में है कारगर
जब आपके शरीर में सूजन होती है तो आप यह सेलुलर (सेल्स से जुडा) लेवल पर समस्याओं का अनुभव करते हैं। पुरानी सूजन को न केवल हृदय रोग, कैंसर और डायबिटीज से जोड़ा गया है, बल्कि इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाने के लिए भी जिम्मेदार पाया गया है। साथ ही यह भूख के एहसास और मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करने वाले हार्मोन पर भी असर डालता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रीशन स्टडी के अनुसार, संयमित मात्रा में डार्क चॉकलेट खाने से सूजन से सेल्स को होने वाले नुकसान को रोकने और रिपेयर करने में मदद मिलती है। क्योंकि कोका में पाए जाने वाले फ्लेवेनॉल्स में सूजन को रोकने वाले तत्व होते हैं।