डार्क वेब पर खुलेआम बिक रहे 61.7 करोड़ अकाउंट के डीटेल्स

डार्क वेब पर खुलेआम बिक रहे 61.7 करोड़ अकाउंट के डीटेल्स


साइबर अपराधी चोरी किए गए 61.7 करोड़ अकाउंट्स के डीटेल्स खुलेआम डार्क वेब पर बेच रहे हैं। इन 61.7 करोड़ अकाउंट्स का डेटा साइबर अपराधियों ने 16 अलग-अलग वेबसाइट्स में सेंधमारी करके चुराया है। इस बात का खुलासा ब्रिटेन की वेबसाइट The Register ने किया है। यह डेटा डार्क वेब के मार्केट प्लेस ड्रीम मार्केट पर ड्रग्स, हथियारों और दूसरे गैर-कानूनी चीजों से साथ लिस्टेड है। यानी, यहां से इस डेटा को खरीदा जा सकता है। बिटक्वॉइन में इस डेटा को 20,000 डॉलर से कम में खरीदा जा सकता है। हम आपको बता रहे हैं कि इंटरनेट की अंधेरी दुनिया कहे जाने वाले डार्क वेब में क्या-क्या चीजें बिकती हैं और क्यों ये लोग पुलिस की पहुंच से दूर होते हैं।

आम लोगों की पहुंच से दूर है डार्क वेब
डार्क वेब एक तरह से इंटरनेट का अंडरवर्ल्ड है। यहां घातक हथियार, लोगों के क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड के डीटेल्स, ई-मेल एड्रेस, लोगों के फोन नंबर, ड्रग्स, नकली करंसी और दूसरी चीजें बड़ी आसानी से मिल जाती हैं। ये सारी चीजें यहां काफी कम दाम पर मिल जाती हैं। असल में हम जिस इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, वह बहुत छोटा हिस्सा है। इंटरनेट के बड़े हिस्से तक लोगों की पहुंच नहीं है और इसे ही डार्क वेब कहते हैं। इंटरनेट का यह संसार दुनिया की नजरों से ओझल है।

3,500 रुपये में बिक रहे थे पर्सनल डीटेल्स
साइबर सिक्यॉरिटी फर्म Kaspersky Lab ने पिछले दिनों खुलासा किया था कि आपके पर्सनल डीटेल्स डार्क वेब में सिर्फ 3,500 रुपये में मिल रहे हैं। इन डीटेल्स में आपके सोशल मीडिया अकाउंट्स के पासवर्ड, बैंक डिटेल्स और क्रेडिट कार्ड से जुड़ी इन्फ़र्मेशन शामिल हैं।

विदेश में होते हैं सेलर्स
डार्क वेब में ड्रग्स या दूसरी चीजें बेचने वाले ज्यादातर लोग विदेश में होते हैं। पेमेंट करने पर ये कोरियर या अपने एजेंट्स के जरिए लोगों तक चीजें पहुंचाते हैं।

खास ब्राउजर का होता है इस्तेमाल
डार्क वेब इंटरनेट का वह सेक्शन है, जिसमें यूजर की पहचान गुप्त रहती है। Tor या Onion जैसे ब्राउजर्स का इस्तेमाल करके इन तक पहुंच बनाई जाती है।