तीन महीने से 25 किमी रोज पैदल चल रही 7 साल की स्वरा, साथ में कुत्ता भी
जबलपुर
आपने अभी तक कई प्रकार के भक्तों के बारे में देखा और सुना होगा, लेकिन हम जिन भक्तों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, उनके बारे में जानकर आप चौंंकने पर मजबूर हो जाएंगे. जी हां, हम बात कर रहे हैं सात साल की बच्ची स्वरा और एक कुत्ते कालूराम की. इन्होंने पैदल नर्मदा परिक्रमा का बीड़ा उठाया है और अब तक सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय भी कर लिया है. मासूम स्वरा खेलने-कूदने की उम्र में प्रतिदिन 25 किलोमीटर का सफर हंसते-खेलते हुए पैदल तय करती है. इस परिक्रमा के दौरान स्वरा का पूरा साथ निभाता है कुत्ता कालूराम. इतना ही नहीं, सात साल की इस मासूम को नर्मदा अष्टक संस्कृत भाषा में कंठस्थ है, जिसे वो अपने अंदाज में बोलकर सुनाती भी है.
दरअसल तीन महीने पहले महाराष्ट्र की सिलपुर तहसील के बाड़ी बुद्रु गांव का गुर्जर परिवार नर्मदा परिक्रमा करने के लिए घर से निकला था. तब सात वर्ष की स्वरा भी नर्मदा परिक्रमा करने की जिद करने लगी थी. पहले तो परिवार वालों ने उसे खूब समझाया, पर जब वो नहीं मानी तब परिवार वाले स्वरा को यह सोचकर साथ ले आए कि एक-दो दिन पैदल चलने के बाद वो थक जाएगी, फिर उसे वापस घर भेज दिया जाएगा. लेकिन थकना तो दूर, इस मासूम बच्ची के चेहरे पर शिकन तक नहीं आई और परिक्रमा के दौरान वो जत्थे में सबसे आगे चलकर अपने परिवार का हौसला बढ़ाती है.
स्वरा के परदादा वासुदेव गुर्जर बताते हैं कि उन्होंने ओंकारेश्वर से नर्मदा परिक्रमा की शुरुआत की थी और उनकी परिक्रमा अमरकंटक से होकर ओंकारेश्वर में पूर्ण होगी. पिछले तीन महीने से वो प्रतिदिन 25 किलोमीटर का सफर पैदल तय करते हैं. इस दौरान उनके पैरों में छाले पड़ गए हैं, लेकिन सफर में स्वरा को छाले पड़ना तो दूर, उसे जरा भी थकान तक महसूस नहीं होती है. इसे वो नर्मदा जी का चमत्कार मानते हैं. नर्मदा परिक्रमा में सात वर्षीय स्वरा के साथ उसके माता पिता और दादा सहित गुर्जर परिवार के 13 शामिल हैं. स्वरा और कुत्ते का नर्मदा के प्रति इतना प्रेम और समर्पण देख लोग आश्चर्यचकित हैं. लोग जगह-जगह उनकी जमकर खातिरदारी भी कर रहे हैं.