तुर्की रूस के साथ S-400 मिसाइल सिस्टम को बनाएगा

तुर्की रूस के साथ S-400 मिसाइल सिस्टम को बनाएगा

अंकारा

तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोगन रूस के साथ मिलकर एस-400 मिसाइल सिस्टम को संयुक्त रूप से बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं। तुर्की के उद्योग और प्रौद्योगिकी मंत्री मुस्तफा वरंक ने कहा है कि हम जल्द ही दुनिया के सबसे खतरनाक मिसाइल सिस्टम एस-400 के दूसरे सेट को खरीदने जा रहे हैं। इसके अलावा रूस और तुर्की ज्वाइंट प्रोडक्शन की तैयारियों पर भी बातचीत कर रहे हैं। इसी मिसाइल सिस्टम को खरीदने के कारण अमेरिका ने काट्सा या काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेन्क्शंस एक्ट (CAATSA) के अंतर्गत तुर्की रक्षा उद्योग के अध्यक्ष इस्माइल डेमीर पर प्रतिबंध लगा दिया था। तुर्की के रक्षा उद्योग के लिए निर्यात लाइसेंस निलंबित होने के कारण एर्दोगन अपने डिफेंस इंडस्ट्री के बने प्रोडक्ट को कई देशों को निर्यात नहीं कर पाएंगे। यही कारण है कि हाल में ही तुर्की ने अपने हमदम दोस्त पाकिस्तान को लड़ाकू हेलिकॉप्टर बेचने से इनकार कर दिया था। अमेरिका में जो बाइडन के सत्ता में आते ही तुर्की की परेशानियां बढ़ गई हैं। एर्दोगन को पता है कि बाइडन शुरू से ही तुर्की और रूस के संबंधों के खिलाफ रहे हैं। ऐसे में वह तुर्की को कोई रियायत देने वाले नहीं है। यही कारण है कि एर्दोगन अब रूस के साथ अपने संबंधों को तेजी से मजबूत करने में जुटे हैं। कुछ दिनों पहले ही एर्दोगन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मिलकर एक न्यूक्लियर पावर प्लांट की आधारशिला रखी थी।

S-400 मिसाइल सिस्टम पर बात कर रहे तुर्की-रूस

तुर्की के मंत्री ने बताया कि हमारे पास एस-400 मिसाइल सिस्टम को लेकर दो पैकेज मौजूद हैं। पहला- हम रूस से बना बनाया मिसाइल सिस्टम खरीद लें और दूसरा- रूस के साथ मिलकर संयुक्त रूप से निर्माण करें। उन्होंने कहा कि इसे लेकर तुर्की के राष्ट्रपति कार्यालय के अधिकारी अपने रूसी समकक्षों के साथ बातचीत कर रहे हैं। हमें टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में किसी भी देश के साथ मिलकर काम करने में कोई परेशानी नहीं है। हमें रूस के साथ इस परियोजना पर काम करने में खुशी होगी, जो दोनों देशों के हितों को पूरा करते हैं। उन्होंने यह भई कहा कि तुर्की अपनी खुद की एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम विकसित करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास कर रहा था। तुर्की के रक्षा मंत्री ने नए अमेरिकी प्रशासन से बातचीत करने और रूसी हथियार खरीदने पर लगे प्रतिबंध के निर्णय की समीक्षा करने की अपील की है। उधर, अमेरिका ने भी सख्त रूख अख्तियार करते हुए साफ-साफ लहजों में कहा है कि जब तक तुर्की रूसी रक्षा प्रौद्योगिकी को नहीं छोड़ता, तब तक प्रतिबंधों को नहीं हटाया जाएगा। अकर ने कहा कि इस तरह से चीजों को खराब नहीं करना चाहिए। आइए मिल बैठकर बात करें और समस्या का समाधान करें। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने तुर्की के साथ बातचीत की संभावना को खारिज कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा है कि प्रतिबंधों को तब तक नहीं हटाया जा सकता जब तक तुर्की की धरती पर रूसी वायु-रक्षा प्रणाली की मौजूदगी है।

हम NATO से खुद को अलग नहीं कर रहे हैं: तुर्की

इससे पहले शनिवार को तुर्की के रक्षामंत्री हुलुसी अकार ने कहा कि देश की सेना एस-400 एयर डिफेंस सिस्‍टम का परीक्षण कर रही है और उसके तैनाती की तैयारी कर रही है। उन्‍होंने कहा था कि एस-400 की खरीद और उसकी जांच का अर्थ यह नहीं है कि हम नाटो से खुद को अलग कर रहे हैं। बता दें कि रूस के S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम को लेकर अमेरिका और तुर्की के बीच विवाद गंभीर रूप लेता जा रहा है। अमेरिका ने नाटो के सदस्य तुर्की द्वारा रूस की विमान-रोधी प्रणाली खरीदने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए अपने एफ-35 लड़ाकू विमान कार्यक्रम से तुर्की को बाहर कर दिया था। अमेरिका ने कहा था कि एस-400 प्रणाली स्टील्थ लड़ाकू विमानों के लिये खतरा है और इसका नाटो की प्रणाली के साथ इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। अमेरिका ने इसके लिये तुर्की पर प्रतिबंध लगाने की भी चेतावनी दी थी। तुर्की ने कहा था कि उसने अमेरिका के यूएस पैट्रियाट प्रणाली बेचने से इनकार करने के बाद रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदी थी। पिछले साल ऐसी रिपोर्ट्स आई थी कि तुर्की की सेना ने रूस के एस-400 डिफेंस सिस्टम को एक्टिवेट कर दिया है। टर्किश फोर्स इस रूसी डिफेंस सिस्टम के रडार का उपयोग एफ-16 फाइटर जेट का पता लगाने के लिए कर रही है। इस रडार के जरिए वह नाटो के यूनुमिया मिलिट्री एक्सरसाइड में शामिल फ्रांस, इटली, ग्रीस और साइप्रस के एफ-16 जहाजों को ट्रैक करने की कोशिश कर रहा है।