'दादी सा' एक्ट्रेस सुरेखा सीकरी का निधन

'दादी सा' एक्ट्रेस सुरेखा सीकरी का निधन

मुंबई
बॉलीवुड से लेकर टीवी जगत तक अपना सिक्का चलाने वालीं दिग्गज एक्ट्रेस सुरेखा सीकरी (Surekha Sikri) का निधन हो गया है. जानकारी के मुताबिक 75 वर्ष की आयु में सुरेखा सीकरी (Surekha Sikri) ने कार्डियक अरेस्‍ट के चलते आखिरी सांस ली. इस खबर के बाद से टीवी और बॉलीवुड जगत में शोक की लहर है.
 
नेशनल फिल्म पुरस्कार विजेता
याद दिला दें कि कई सालों तक बॉलीवुड में काम करने के बाद सुरेखा सीकरी ने जब टीवी का रुख किया तो वहां भी उन्होंने सभी को पीछे छोड़ दिया. उन्होंने मशहूर सीरियल बालिका वधू में दादी सा की भूमिका निभाई जिसे आज तक याद किया जाता है. वहीं उन्होंने तीन साल पहले आयुष्मान खुराना की सुपरहिट फिल्म 'बधाई हो' में दादी का यादगार किरदार निभाया. बता दें कि उन्होंने नेशनल फ‍िल्‍म पुरस्‍कार भी जीता था.

मैनेजर ने की पुष्टि
सुरेखा सीकरी के निधन की जानकारी उनके मैनेजर ने दी है. मैनेजर ने मीडिया को जानकारी दी है कि दुख का विषय है कि सुरेखा जी नहीं रहीं. 75 साल की उम्र में आज सुबह उनका देहांत हो गया. दूसरे ब्रेन स्ट्रोक के बाद वह काफी परेशानी में थीं.

कैसा रहा सुरेखा सीकरी का करियर?

सुरेखा सीकरी ने थियेटर, फिल्मों और टीवी में काफी काम किया था. साल 1978 में पॉलिटिकल ड्रामा फिल्म किस्सा कुर्सी का से सुरेखा ने एक्टिंग डेब्यू किया था. सुरेखा को तीन बार बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला है. उन्हें ये सम्मान फिल्म तमस (1988), मम्मो (1995) और बधाई हो (2018) के लिए मिला था.

NSD पासआउट थीं सुरेखा सीकरी
सुरेखा का जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ था. 1971 में सुरेखा ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से ग्रेजुएशन की थी. 1989 में सुरेखा ने संगीत नाटक अकेडमी अवॉर्ड जीता था. सुरेखा के पिता एयरफोर्स में और माता टीचर थीं. सुरेखा ने हेमंत रेगे से शादी की थी. इस शादी के उनके एक बेटा है जिसका नाम राहुल सीकरी है.

बालिका वधू ने दिलाई पहचान

सुरेखा सीकरी ने अपने लंबे करियर में यूं तो कई दमदार रोल्स किए थे. लेकिन एक रोल जिन्हें उन्हें घर घर में पॉपुलर बनाया वो था बालिका वधू में किया गया कल्याणी देवी का रोल. इसके बाद सुरेखा ने 2018 में आई फिल्म बधाई हो में  दुर्गा देवी कौशिक का रोल प्ले किया था. इस रोल में भी सुरेखा ने लोगों का दिल जीता. अपने इस रोल के लिए सुरेखा को नेशनल अवॉर्ड मिला था. सुरेखा व्हील चेयर पर बैठकर राष्ट्रीय पुरस्कार लेने पहुंची थीं.