दावेदारों के दंगल में फंसी गोविंदपुरा सीट, गौर के बाद अब भौमिक ने दिया ये बयान

दावेदारों के दंगल में फंसी गोविंदपुरा सीट, गौर के बाद अब भौमिक ने दिया ये बयान

भोपाल
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले भोपाल की गोविंदपुरा सीट को लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया है। दोनों ही दलों में इस सीट को लेकर घमासान मचा हुआ है। हालांकि भाजपा -कांग्रेस ने अभी तक इस पर उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर को उम्मीदार घोषित किए जाने पर संशय बना है। गौर चाहते हैं अगर पार्टी उनका टिकट काटती है तो यहां से उनकी बहू  कृष्णा को टिकट दया जाए। कृष्णा गौर ने भी इस सीट से लड़ने का दावा पेश किया है। इसी बीच पर्यटन निगम के अध्यक्ष तपन भौमिक ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि बीजेपी गोविंदपुरा से जिसको भी टिकट देगी प्रचंड बहुमत से जीतेगा । भौमिक के बयान के बाद राजनैतिक सरगर्मियां और बढ़ गई है।

बताते चले कि गोविंदपुरा सीट के लिए तपन भौमिक का भी नाम चर्चाओं में है। कई दिनों से भौमिक गोविंदपुरा विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। बीते दिनों संघ पृष्ठभूमि से आने वाले भौमिक ने गोविंदपुरा सीट से टिकट को लेकर संगठन स्तर से लेकर बड़े पदाधिकारियों से टिकट मांगा था, ऐसे में अटकले लगाई जा रही है कि पार्टी कृष्णा को टिकट ना देकर तपन भौमिक टिकट दे सकती है।हालांकि भोपाल महापौर आलोक शर्मा भी इस दौड़ में शामिल बताए जा रहे है।

दरअसल, बीजेपी ने गौर का टिकट काटने के संकेत जबसे दिए हैं तभी से ही गौर समर्थकों ने मोर्चा खोल रखा है, वे कृष्णा के लिए इस सीट की मांग कर रहे है। वही पूर्व महापौर और बाबूलाल गौर की पुत्रवधू कृष्णा गौर ने भी दावा किया है कि वह हर हाल में गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगी।ऐसे में उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने की अटकलें भी तेजी हो चली है। इसी बीच तपन भौमिक ने भी बड़ा बयान देकर राजनैतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है। भौमिक ने कहा है कि व्यक्ति कोई सीट ना बनाता है ना बिगड़ता है। भाजपा की साख उसके काम और सीट गोविंदपुरा पर है। बीजेपी गोविंदपुरा से जिसको भी टिकट देगी प्रचंड बहुमत से जीतेगा । 

कृष्णा गौर के निर्दलीय चुनाव लड़ने की धमकी पर तपन भौमिक ने कहा कि इसके लिए पार्टी के लोग ही निर्णय करेंगे।  बीजेपी के नेताओं का निर्णय ही अंतिम निर्णय होगा। वही इस मामले में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने कहा कि पार्टी से बड़ा कोई नहीं सबसे बड़ी पार्टी है। किसी भी व्यक्ति से पार्टी बड़ी होती है। निर्णय नही होने तक सब अपनी बात कह सकते है, लेकिन टिकिट मिलने के बाद सर झुकाकर मानना पड़ता है।