दूसरा रैक नई दिल्ली-हबीबगंज शताब्दी में लगेगा, इन 18 रुटों पर चलाने की तैयारी
भोपाल
ट्रेन-18 के दो और रैक फरवरी 2019 के अंत तक तैयार हो जाएंगे। इनमें से दूसरा रैक भी नई दिल्ली-हबीबगंज शताब्दी एक्सप्रेस को मिलने की संभावना है। आईसीएफ चेन्नई में ये रैक तैयार की जा रहे हैं। ट्रेन-18 का पहला रैक भी यहीं तैयार किया था। इसका अभी ट्रायल चल रहा है।
पहले यह रैक नई दिल्ली-हबीबगंज शताब्दी एक्सप्रेस को मिलना था, लेकिन रेलवे इसे नई दिल्ली-वाराणसी के बीच चलाने की तैयारी कर रहा है। इस रैक के दिसंबर के आखिरी या जनवरी में चलने की उम्मीद है।
नई दिल्ली-वाराणसी, नई दिल्ली-भोपाल, नई दिल्ली-कालका, नई दिल्ली-देहरादून, नई दिल्ली-मुंबई, नई दिल्ली-मुरादाबाद, नई दिल्ली-प्रयागराज, नई दिल्ली-अमृतसर व नई दिल्ली-झांसी।
एक कोच में 6 सीसीटीवी कैमरे होंगे। मनोरंजन के लिए सभी कोच में एलईडी लगाई जा रही है। आपात स्थिति में यात्री लोको पायलट से बातचीत कर सकते हैं। इसके लिए प्रत्येक कोच में टॉक बैक सुविधा है। यात्रियों को मुफ्त वाईफाई सुविधा मिलेगी। गेट स्वचलित होंगे, जिन्हें खोलने व बंद करने की जरूरत नहीं होगी।
कोच आपस में जुड़े हुए होंगे। सीटों के बीच अन्य ट्रेनों के मुकाबले ज्यादा फासला होगा। कोच में बड़े कांच लगे होंगे। जीपीएस आधारित सूचना प्रणाली सिस्टम आने वाले स्टेशनों की जानकारी देगा। वैक्यूम बायो टॉयलेट होंगे। कोच के भीतर ही दिव्यांग यात्रियों के लिए ह्वीलचेयर होंगी। यात्री जरूरत के हिसाब से सामान लेकर चल सकेंगे।
इंजन अलग से नहीं लगेगा, बल्कि कोच के दोनों तरफ ड्राइविंग केबिन होंगे। प्रत्येक कोच बिजली से ऊर्जा पैदा कर चलने में सक्षम होंगे। रैक 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में सक्षम हैं, लेकिन इसे नई दिल्ली से हबीबगंज के बीच करीब 100 से 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जाना है।
कोचों की अंदरूनी बनावट स्टील की होगी, जो स्क्रू रहित होगी। हादसा होता भी है तो यात्रियों को कम चोटें आएंगी। सेंटर बफर कपलर लगे होंगे, हादसे के दौरान कोच एक-दूसरे पर नहीं चढ़ेंगे। चेयर मूवेबल होंगी।
ट्रेन 18 रैक की प्राथमिक मरम्मत दिल्ली में ही हो सकती है, इसलिए अभी ट्रेन 18 रैक को दिल्ली से ही दूसरे स्टेशनों के लिए चलाने की तैयारी है। साफ-सफाई के लिए भी डिपो मैनेजरों की ट्रेनिंग कराई जाएगी। मसलन नई दिल्ली-हबीबगंज शताब्दी एक्सप्रेस में यह रैक लगने के बाद सफाई स्टेशन पर शताब्दी के एलएचबी रैक की तरह ही होगी। इसके लिए कर्मचारियों को आईसीएफ चेन्नई (जहां ट्रेन 18 कोच तैयार हो रहे हैं) में ट्रेनिंग कराई जाएगी।