निकाय आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई कल, आर्डर मिलते ही तय अफसरों को चुनावी जिम्मेदारियां

निकाय आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई कल, आर्डर मिलते ही तय अफसरों को चुनावी जिम्मेदारियां

भोपाल
नगरीय निकाय आरक्षण को लेकर ग्वालियर हाईकोर्ट में कल सुनवाई होगी। कोर्ट के आदेशानुसार 81 नगरीय निकायों के आरक्षण में रोटेशन प्रक्रिया के मामले में नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग को जवाब देना है। आरक्षण का मसला निपटने के बाद ही प्रदेश के निकायों के चुनाव की प्रक्रिया आगे बढ़ पाएगी।

निकाय चुनाव के लिए प्रदेश के 81 नगरीय निकायों में महापौर व अध्यक्ष पद के आरक्षण में रोटेशन प्रक्रिया में विसंगति होने से इन पदों के लिए सरकार द्वारा किए गए आरक्षण पर ही रोक लगा दी गई थी। नगरीय प्रशासन विभाग ने वर्ष 2014 में जो अध्यक्ष व महापौर के पद आरक्षित वर्ग के लिए थे, उन्हें इस साल प्रस्तावित चुनावों में भी आरक्षित कर दिया था। इधर, पंचायतों के चुनावों की प्रक्रिया 52 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष के पदों का आरक्षण न होने से रुकी हुई है।

नगरीय निकाय चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है। नगरीय निकाय आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में सोमवार को सुनवाई है। यदि इसमें कोई निर्णय होता है तो राज्य निर्वाचन आयोग कभी भी निकाय चुनावों का एलान कर सकता है। राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी तैयारियां जारी रखी है। निकाय चुनाव के लिए रिटर्निंग आॅफिसर किन्हें बनाया जाएगा इसको लेकर निर्देश आयोग ने सभी कलेक्टरों को जारी कर दिए है।

जिला स्तर के निकायों में कलेक्टर स्वयं रिटर्निंग आॅफिसर होंगे वहीं नगर पालिका और नगर परिषद स्तर पर जिला मुख्यालय से इतर निकायों में अपर कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, सहायक कलेक्टर से लेकर तहसीलदार तक को रिटर्निंग आॅफिसर बनाया जा सकेगा। वहीं सहायक रिटर्निंग आॅफिसर के पद पर इस बार लोक निर्माण विभाग और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के इंजीनियरों और अन्य अधिकारियों को भी इस बार चुनावों में तैनात किया जा सकेगा। ऐसे नगर निगम जो जिला मुख्यालय पर स्थित है वहां कलेक्टर रिटर्निंग आॅफिसर तथा अपर कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत और संयुक्त तथा सहायक कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण और सिंचाई विभाग  तथा उपायुक्त भू-अभिलेख सहायक रिटर्निंग अधिकारी बनेंगे।

जिला मुख्यालय से बाहर के नगर निगमों में अपर कलेक्टर रिटर्निंग अधिकारी होंगे और संयुक्त, सहायक, डिप्टी कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, लोक निर्माण विभाग और सिंचाई विभाग के कार्यपालन यंत्री सहायक रिटर्निंग आॅफीसर होंगे।

नगर पालिका परिषद में कलेक्टर रिटर्निग आॅफीसर होंगे। जिला मुख्यालय के बाहर की नगर पालिका के लिए अपर, संयुक्त, डिप्टी और सहायक कलेक्टर तथा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रिटर्निंग आॅफीसर बनेंगे। जिला मुख्यालय की नगर परिषद में कलेक्टर और राजस्व अनुभाग के मुख्यालय वाली नगर परिषद के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व आरओ बनेंगे। राजस्व अनुभाग के मुख्यालय के बाहर की नगर परिषद में तहसीलदार, अपर तहसीलदार, नायब तहसीलदार, अधीक्षक, भू-अभिलेख, सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख रिटर्निंग आॅफीसर बनाए जाएंगे। सहायक रिटर्निंग आॅफीसर के रुप में अन्य विभागों की अफसरों की भी मदद ली जाएगी।

प्रदेश में 81 नगरीय निकायों में मुरैना और उज्जैन नगर निगम समेत 79 नगरीय निकायों में महापौर और अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण में रोस्टर प्रक्रिया में विसंगति होने के कारण इन पदों के लिए सरकार द्वारा किए गए आरक्षण पर रोक लगा दी गई है। नगरीय प्रशासन विभाग ने वर्ष 2014 में जो अध्यक्ष और महापौर के पद आरक्षित वर्ग के थे , उन्हें इस साल प्रस्तावित चुनावों में भी आरक्षित कर दिया था। इस मसले पर नगरीय प्रशासन विभाग को ग्वालियर हाईकोर्ट में जवाब देना है। वहीं पंचायतों में  52 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष के पदों का आरक्षण नहीं होने से प्रक्रिया रुकी हुई है।