नेशनल डोप टेस्टिंग लैब निलंबित, किरेन रिजिजू बोले- भारत करेगा अपील

नई दिल्ली
विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने भारत की नेशनल डोप टेस्टिंग लैब (एनडीटीएल) को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया है, जिससे भारत के डोपिंग रोधी कार्यक्रम को गहरा झटका लगा है। वाडा ने एक बयान में बताया कि वाडा की जांच के दौरान एनडीटीएल की प्रयोगशालाओं को तय अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया, जिसके कारण उसे निलंबित कर दिया गया है। वाडा के इस निर्णय के खिलाफ एनडीटीएल अगले 21 दिनों में खेल मध्यस्थता अदालत में अपील कर सकता है। भारतीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने इस निलंबन को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और कहा है इस निलंबन के खिलाफ अपील की जायेगी और अपील की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। रिजिजू ने कहा, अतीत में कुछ समस्याएं थीं। लेकिन खेल मंत्री का पदभार संभालने के बाद मैंने उन मुद्दों पर संज्ञान लिया और सुधार शुरू किया। यह निराशाजनक है कि इन प्रयासों के बावजूद वाडा ने यह कदम अपनाया है। हम इस प्रतिबंध के खिलाफ अपील करेंगे। अपील की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।
एनडीटीएल देश की एकमात्र ऐसी प्रयोगशाला है जो डोप टेस्ट करती है। वाडा का कहना है कि एनडीटीएल के नमूना विश्लेषण के तरीके सटीक नहीं थे। यह निलंबन 20 अगस्त से प्रभावी हो गया है और एनडीटीएल अब किसी प्रकार की डोपिंग रोधी गतिविधि में शामिल नहीं हो पाएगी। अब नेशनल एंटी डोपिंग लैब को अपना पक्ष खेल मध्यस्थता अदालत में रखना होगा और ऐसा करने में अगर कोई चूक होती है तो निलंबन की अवधि बढ़ जाएगी। इसका सबसे बड़ा नुकसान तो भारत की सभी खेल संस्थाओं को होगा क्योंकि अब सभी तरह के डोपिंग नमूनों को भारत के बाहर वाडा द्वारा मान्यता प्राप्त एशिया की किसी लैब में भेजना होगा। इससे इन नमूनों की टेस्टिंग का खर्चा और भी अधिक बढ़ जाएगा। वाडा के नियमों के अनुसार इसका सारा खर्चा भारत की खेल संस्थाओं को उठाना पड़ेगा। पहले से ही वित्तीय संकट से जूझ रही खेल संस्थाओं के लिए ये खर्च उठाना और भी दूभर हो जाएगा। अगर खेल संस्थाएं इसका खर्चा उठाने से इंकार करती हैं तो अगले साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक में भारत के खेलने पर प्रश्नचिन्ह भी लग सकता है।