पूर्व में हुए उपचुनाव में जीती थी कांग्रेस, उपचुनाव में कांग्रेस लगाती रही भाजपा के गढ़ में सेंध

भोपाल
भाजपा के गढ़ बन चुके दमोह में उपुचनाव में कांग्रेस सेंध लगाने में कामयाब रही है। कांग्रेस ने लगभग 37साल पूर्व यह सीट उपचुनाव में जीती थी। दमोह में शनिवार को उपचुनाव का मतदान है। यहां पर 1985 के बाद कांग्रेस 2018 में जीत सकी थी। हालांकि 1985 में उसकी जीती मामूली वोटों से हुई थी। 2018 में भी कांग्रेस यहां से 798 वोटों से जीती थी।
वर्ष 1972 में दमोह के आनंद कुमार विधायक चुने गए थे। वे निर्दलीय चुनाव जीते थे। इसके बाद यहां पर उपचुनाव हुआ। जिसमें प्रभु नारायण टंडन कांग्रेस के उम्मीदवार थे और उनको चुनौती निर्दलीय उम्मीदवार कृष्णा आनंद ने दी थी। आनंद दूसरे नंबर पर रहे थे, वे लगभग साढेÞ छह हजार मतो से टंडन से हार गए थे। इसके बाद वर्ष 1980 का चुनाव चंद्र नारायण टंडन ने जीता। उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार अजय टंडन, चंद्र नारायण टंडन के पुत्र हैं। इसके बाद वर्ष 1985 में यहां से कांग्रेस के टिकट पर मुकेश नायक जीते थे।
कांग्रेस के उम्मीदवार अजय टंडन पूर्व में भी कांग्रेस के टिकट पर इस सीट से उम्मीदवार रह चुके हैं। हालांकि इस दौरान उनका हमेशा मुकाबला जयंत मलैया से हुआ। वर्ष 1998 में वे मलैया से 5 हजार 406 वोटों से हारे थे। इसके बाद का चुनाव वे 12 हजार 321 मतों से हारे। अब फिर वे चुनावी मैदान में हैं।