बंगलों का आवंटन निरस्त, सरकार ने थमाया नोटिस
भोपाल
मप्र हाईकोर्ट के आदेश के परिपालन में राज्य सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित आवास निरस्त कर दिए हैं। उन्हें आवास की पात्रता सिर्फ 19 जुलाई तक है। 20 जुलाई से वे अवैध की श्रेणी में आ जाएंगे। गृह विभाग ने चारों पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, दिग्विजय सिंह, उमा भारती एवं बाबूलाल गौर को नोटिस भेजकर बंगला खाली करने को कहा है। गुरुवार को किसी भी मुख्यमंत्री ने आवास खाली नहीं किया। सिर्फ उमा भारती के आवास पर जरूर कुछ सामान बांध लिया गया था। गृह विभाग ने आवास खाली कराने के लिए लोक निर्माण विभाग को पत्र भी लिख दिया है। इधर बाबूलाल गौर ने बंगला खाली करने से इंकार कर दिया है, उन्होंने कहा कि विधायक की हैसियत से उन्हें बंगला आवंटित है।
राज्य सरकार के नोटिस के बाद उमा भारती एवं कैलाश जोशी को छोड़कर अन्य कोई सरकारी आवास छोड़ने को तैयार नहीं है। बाबूलाल गौर का कहना है कि वे 1990 से इस बंगले में रह रहे हैं। उमा भारती ने सामान पैक करा लिया है, लेकिन खाली नहीं किया है। दिग्विजय सिंह भी बंगले में जमे हुए हैं। चारों नेताओं के आवास का मामला फिलहाल सीएम के पास पहुंच गया है। क्योंकि अब पूर्व मुख्यमंत्री को बंगला आवंटित करना मुख्यमंत्री का एकाधिकार है। संभवत: जल्द ही मुख्यमंत्री एक दो दिन में पूर्व मुख्यमंत्रियों को नए सिरे से आवास का आवंटन कर सकते हैं। हालांकि उमा भारती और कैलाश जोशी को नए सिरे से आवंटन किस आधार पर किया जाए, इसका रास्ता तलाश जा रहा है।
गृह विभाग के सूत्रों के अनुसार आवास खाली करने का नोटिस, हाथों-हाथ भेजा गया था। जो पूर्व मुख्यमंत्री के आवास पर रह रहे कर्मचारी या उनके रिश्तेदारों को मिल गया है। जल्द ही लोक निर्माण विभाग इन नेताओं से बंगला सुपुर्द लेगा। उल्लेखनीय है कि उमा भारती को बतौर पूर्व मुख्यमंत्री श्यामला हिल्स स्थित बी-2 आवास आवंटित था। जबकि कैलाश जोशी 74 बंगला क्षेत्र एवं बाबूलाल गौर को भी 74 बंगला क्षेत्र में बी-6 बंगला आवंटित था। गौर पर 28 साल तक सरकारी बंगले में रहने के बाद भी छोड़ने को तैयार नहीं है।