बिहार में जल, जीवन व हरियाली अभियान जल्द शुरू होगा: CM नीतीश

बिहार में जल, जीवन व हरियाली अभियान जल्द शुरू होगा: CM नीतीश

पटना
बिहार में ‘जल, जीवन व हरियाली’ अभियान चलेगा। इसके तहत केवल लोगों को जागरूकता ही नहीं किया जाएगा, बल्कि इस पर योजना बनेगी और उसे तेजी से क्रियान्वित किया जाएगा। शनिवार को विधानमंडल के विस्तारित भवन सेंट्रल हॉल में ‘राज्य में जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न आपदाजनक स्थिति’ विमर्श के समापन भाषण में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न स्थिति पर सभी चिंतित हैं। इस मसले पर बिहार एकमत है। बैठक में जितने भी वक्ताओं ने अपनी राय रखी, उससे यह उभरकर आया कि जल की रक्षा जरूरी है। साथ ही जीवन की रक्षा में मनुष्य के साथ पशु-पक्षी की सुरक्षा भी जरूरी है। इसके अलावा हरियाली की रक्षा जरूरी है। इसलिए ‘जल, जीवन व हरियाली’ अभियान चलेगा।

कहा कि छोटे तालाब, आहर-पईन को पंचायत तो बड़े तालाबों को सरकार देखेगी। अतिक्रमणमुक्त अभियान चलेगा। सार्वजनिक कुंओं की पहचान जारी है। सभी प्रतिनिधि अपने इलाके के कुंओं की जानकारी दें, ताकि उनका जीर्णोद्धार ही नहीं, उसे और भी बेहतर बनाया जा सके। बारिश के पानी को संरक्षित करने का उपाय होगा। कहा, लोगों के लिए जो भी संभव हो सकता है, हम करेंगे।

सीएम ने कहा कि जल, जीवन और हरियाली अभियान पर एक समेकित योजना बनेगी। विमर्श में मौजूद अधिकारियों को एक महीने में योजना बनाने का आदेश दिया। कहा कि योजना तैयार हो जाए, ताकि अगले विधानमंडल सत्र में अनुपूरक बजट के तहत इस योजना के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक राशि का प्रावधान हो जाए। योजना के बेहतर क्रियान्वयन पर बाहरी एजेंसी नजर रखेगी। जनप्रतिनिधियों को भी निगरानी प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा, ताकि ठोस काम हो। जलस्रोतों पर हुए अतिक्रमण को मुक्त कराने के लिए अभियान चलेगा। सब्जी के बाद अन्य फसलों में भी जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।

जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न स्थिति पर विमर्श लगातार आठ घंटे तक चला। बिना ब्रेक के चले इस विमर्श को सीएम ने असाधारण कहा। कहा कि यह कोई पॉलिटिकल विषय नहीं है। इस बैठक ने साबित किया है कि हम बिहार और बिहार के लोगों के हित से जुड़े मामलों में एकमत और एकजुट हैं। अधिकतर सदस्यों की उपस्थिति इसका प्रमाण है। सीएम के अलावा विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विप के कार्यकारी सभापति प्रो. हारुन रशीद, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी सहित सभी दलों के 60 से अधिक सदस्यों ने अपनी बात रखी। जबकि 130 सदस्यों ने लिखित सुझाव भी विधानसभा अध्यक्ष को दिए।

विधानमंडल की बैठकों में लगातार अनुपस्थित चल रहे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव जलवायु परिवर्तन पर हुए विमर्श से भी दूर रहे। उनके अलावा राजद की वरिष्ठ नेता पूर्व सीएम राबड़ी देवी भी विमर्श में नहीं आईं। लालू प्रसाद के बड़े बेटे पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव भी विमर्श से दूर रहे। हालांकि राजद विधानमंडल दल के कई सदस्यों ने अपनी बात रखी।