बिहार में हुई बच्चों की मौत का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, जनहित याचिका दाखिल

पटना
बिहार में एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) यानी चमकी बुखार का कहर जारी है. इस बीमारी से अब तक बच्चों की मौत का आंकड़ा 138 तक पहुंच गया है. इस बीच बच्चों की मौत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. जनहित याचिका में केंद्र और बिहार राज्य को 500 आईसीयू की व्यवस्था करने के लिए निर्देश देने के साथ-साथ एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम के प्रकोप से निपटने के लिए आवश्यक चिकित्सा पेशेवरों की संख्या की बढ़ाने की मांग की है.
यह जनहित याचिका वकील मनोहर प्रताप और सनप्रीत सिंह अजमानी ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई जनहित याचिका में मुजफ्फरपुर में भेजे जाने वाले 100 मोबाइल आईसीयू की व्यवस्था करने और वहां मेडिकल बोर्ड स्थापित करने की भी मांग है.
पटना साहिब से पूर्व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि जिस तरह से सरकार के काबिल मंत्री कह रहे हैं कि इस बीमारी का इलाज नही हैं, यह सरकार की संवेदनहीनता को ही दिखाता है. बिहार में लू और भीषण गर्मी से हो रही मौतों पर बिहारी बाबू ने सवाल उठाते हुए कहा कि जिस तरह लू से 100 लोगों से ज्यादा मौतें हुई है, अगर यही हालात रहे तो और कोई अन्य प्राकृतिक आपदा जाए, तो यह सरकार क्या कर पाएगी?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को मुजफ्फरपुर का दौरा किया. नीतीश मरीजों का हाल जानने के लिए श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) पहुंचे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी बच्चों की मौत के 17 दिन बाद स्थिति का जायजा लेने यहां पहुंचे थे. सीएम SKMCH अस्पताल पहुंचकर मृत बच्चों के माता-पिता से मिल रहे थे और इंसेफेलाइटिस पीड़ित बच्चों का भी हालचाल पूछ रहे थे.
इस बीच मुजफ्फरपुर के डीएम आलोक रंजन ने मंगलवार को SKMCH में 108 मौतों की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि मंगलवार को भी 4 मासूमों ने दम तोड़ दिया. अस्पताल में भर्ती बच्चों का इलाज किया जा रहा है. इनमें 16 बच्चों की हालत गंभीर है.