बैंकाक से बनारस आ रहा सोना, कम रिस्क और बड़ी बचत ने बढ़ाई सोने की तस्करी

वाराणसी
सोना हमेशा से हम भारतीयों की कमजोरी रहा है। पहले केवल महिलाओं में ही सोने के प्रति मोह दिखाई देता था, लेकिन अब पुरुषों में भी सोने की मोटी चेन, बाली या कड़ा आदि पहनने का क्रेज तेजी से बढ़ा है। निवेश की दृष्टि से भी सोना सबसे मुफीद माना जाता है। स्थानीय बाजारों में भी सोना खऱीदना या बेचना बेहद आसान है। यही कारण है कि सोने की तस्करी नहीं रुक पा रही है।
वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट पर ही तीन महीने में करीब नौ किलो सोना पकड़ा गया है। इससे कई गुना ज्यादा सोना अधिकारियों की नाक के नीचे से निकला भी होगा। विमान के अलावा जलमार्ग से भी सोना तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है। जलमार्ग से सोना बंगाल लाने के बाद ट्रेनों से वाराणसी, कानपुर और जोधपुर भेज दिया जाता है। वैसे तो कई देशों में सोना भारत की तुलना में काफी सस्ता है लेकिन सबसे ज्यादा इसकी तस्करी बैंकाक से हो रही है। अधिकारी बैंकाक से सोना तस्करी के दो कारण बताते हैं। पहला बैंकाक के सोने की शुद्धता काफी ज्यादा होती है और दूसरा बैंकाक जाना-आना और रहना काफी सस्ता है।
सौ ग्राम पर 25 और दो सौ ग्राम पर 75 हजार तक का फायदा
अधिकारियों के अनुसार बैंकाक आने-जाने और रहने का खर्च 25 से 30 हजार पड़ता है। इसमें 16 से 17 हजार विमान का किराया होता है और बाकि रहने और खाने पर खर्च होता है। कई लोग रूम शेयर करके भी रहते हैं। भारत अौर बैंकाक के सोने के रेट में प्रति सौ ग्राम करीब 50 हजार का अंतर है। वहां का सोना काफी शुद्ध भी होता है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति वहां से 100 ग्राम सोना भी लाता है तो उसे भारत में 50 हजार से ज्यादा मुनाफे में बेचता है। खर्च काटने के बाद इस 100 ग्राम सोने में उसे 25 से 30 हजार की बचत होती है। अगर सोना सौ ग्राम से ज्यादा हो तो खर्च नहीं बढ़ता लेकिन फायदा दोगुना या तीगुना हो जाता है। जहां 100 ग्राम सोना लाने पर 25 हजार की बचत होती है, वहीं दो सौ ग्राम सोना लाने पर 75 हजार की बचत होने लगती है।
सोना तस्करी के लिए हावड़ा-जोधपुर एक्सप्रेस सबसे मुफीद सवारी
बैंकाक से सोने की तस्करी विमानों के साथ ही ट्रेनों से भी हो रही है। जब ज्यादा सोना लाना होता है तो तस्कर जल मार्ग से बंगाल पहुंचने के बाद ट्रेन से सफर तय करते हैं। तस्करों के लिए हावड़ा-जोधपुर सबसे मुफीद ट्रेन मानी जाती है। हावड़ा से जोधपुर तक पूर्वांचल के स्टेशनों पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (मुगलसराय), इलाहाबाद, कानपुर और जयपुर जैसे स्टेशनों पर रुकने के कारण तस्कर इस ट्रेन का ज्यादातर इस्तेमाल करते हैं। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के अधिकारियों की भी सबसे ज्यादा निगाह इसी ट्रेन पर रहती है। इसके अलावा दुरंतो और राजधानी जैसी वीआईपी ट्रेनों से भी तस्करी पकड़ी गई है।
ज्यादातर कूरियर का काम करते हैं
अधिकारियों का कहना है कि बैंकॉक से सोने की तस्करी करने वाले ज्यादातर लोग कूरियर का काम करते हैं। वह केवल सोना बैंकाक से भारत पहुंचाते हैं। यह लोग वहां सोना न तो खुद खरीदते हैं न ही यहां खुद बेचते हैं। केवल वहां से सोना यहां पहुंचाने का काम करते हैं। इन्हें पूरे खर्च के साथ प्रति खेप 25 से 30 हजार रुपये मिलते हैं। अधिकारियों का मानना है कि ब्लैकमनी के रूप में सोना रखने की प्रवृत्ति ने भी तस्करी को काफी बढ़ा दिया है।
विमान से सोना लाने के लिए अजब गजब तरीके अपना रहे हैं तस्कर
सोना तस्करी के लिए अजब गजब तरीके अपनाए जा रहे हैं। शरीर के प्राइवेट पार्ट्स तक में छिपाकर सोना लाया जा रहा है। इसी महीने नौ जून इंडिगो से आए दो यात्रियों ने बेल्ट का बक्कल सोने का बनवाया हुआ था। 25 मई को पकड़े गए कानपुर के व्यक्ति ने बैग अौर बच्चों की जिंस में सोने को इस तरह से लगवाया था जिससे वह डिजाइन की तरह लग रहे थे। 20 मई को दो यात्रियों के पास से करीब चार किलो सोना पकड़ा गया। एक ने हथौड़ा अौर दूसरे ने पास्ता मेकिंग मशीन के अंदर छिपाया हुआ था। 17 मई को पकड़े गए संजीव मिश्रा नामक यात्री ने सोना प्राइवेट पार्ट में छिपाया था। 26 अप्रैल को पकड़े गए महिला-पुरुष ने ने अपने बैग में सोने से ही डिजाइन बनवाई थी। 22 मार्च को बैंकाक से पहुंची महिला ने भी प्राइवेट पार्ट में इसे रखा था।
विदेशों से केवल ज्वेलरी लाने की छूट, वह भी एक साल रहने के बाद
विदेश में एक साल रहने के बाद ही कोई व्यक्ति आधिकारिक रूप से भारत में ज्वेलरी ला सकता है। पुरुष 20 ग्राम अौर महिला 40 ग्राम तक सोना ज्वेलरी के रूप में ला सकती है। ज्वेलरी का कागजात भी साथ होना चाहिए। इस ज्वेलरी पर 38.5 प्रतिशत की एक्साइज ड्यूटी भी देनी होती है। इसी कागजात के आधार पर एक्साइज ड्यूटी लगाई जाती है। बाबतपुर एयरपोर्ट पर तैनात कस्टम अधीक्षक संदीप पांडेय के अनुसार सीमा शुल्क को लेकर बने कानून हमें सामान जब्त करने के साथ ही टैक्स चोरी करने वाले को गिरफ्तार करने की भी छूट देता है। इसमें गिरफ्तारी तभी अनिवार्य है जब बरामद सामान का मूल्य 20 लाख रुपये से ज्यादा हो। 20 लाख रुपये से कम का सामान पकड़े जाने पर गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं होती है।
तीन महीनों में विमान यात्रियों से पकड़ा गया सोना
20 मार्चः छह यात्रियों से 1 किलो 950 ग्राम
22 मार्चः महिला यात्री से 237 ग्राम
26 अप्रैलः दो महिला-पुरुष से 540 ग्राम
17 मईः एक यात्री से 562 ग्राम
20 मईः दो यात्रियों से 4 किलो
25 मईः एक यात्री से 1 किलो 480 ग्राम
9 जूनः दो यात्रियों से 250 ग्राम
पीडीडीयू जंक्शन पर ट्रेन यात्रियों से बरामद सोना
24 अप्रेल 2017 कोलकाता से पहुंचे युवक से दो किलो सोना
30 जनवरी 2018 हावडा़-जोधपुर से 13 किलो सोना
11 अप्रैल 2018 कोलकाता से पहुंचे युवक से 7 किलो सोना
20 जुलाई 2018 हावडा़ दुरंतो से 6 किलो सोना