बैन के बावजूद फोड़े 50 लाख किलो पटाखे, 77 गुना तक बढ़ा प्रदूषण

बैन के बावजूद फोड़े 50 लाख किलो पटाखे, 77 गुना तक बढ़ा प्रदूषण

 
नई दिल्ली 

सुप्रीम कोर्ट की तमाम पाबंदियों के बावजूद दिवाली की रात दिल्ली ने 50 लाख किलो से ज्यादा पटाखे फोड़ डाले। नतीजा यह रहा कि रात 1 बजते-बजते प्रदूषण के सबसे खतरनाक कण पीएम 2.5 का स्तर कई जगहों पर 2500 तक पहुंच गया जबकि इसे 60 से ज्यादा नहीं होना चाहिए।  
 
दिल्ली सरकार के आंकड़े बताते हैं कि इन पटाखों की वजह से दिवाली पर दिल्ली की हवा में 2017 के मुकाबले ज्यादा जहर घुला। पीएम 10, कार्बन मोनोऑक्साइड और तमाम अन्य जहरीली गैसें भी पिछले साल के मुकाबले कहीं ज्यादा थीं। पटाखों की बिक्री पर रोक थी और सिर्फ ग्रीन पटाखे रात 8 बजे से 10 बजे के बीच फोड़े जा सकते थे, लेकिन दिन ढलने से लेकर आधी रात के बाद तक हर तरह के पटाखे फूट रहे थे। पुलिस ने नियम तोड़ने के 562 केस दर्ज किए। 

सबसे अधिक घुटन वजीरपुर में रही, जहां रात 1 बजे पीएम 2.5 का स्तर 4680 mgcm तक पहुंच गया। यह सामान्य से 77 गुना से भी अधिक था। पीएम 10 का लेवल जहांगीरपुरी में रात 11 बजे ही 4500 mgcm के पार पहुंच गया। हालांकि नजफगढ़ ने इस बार उदाहरण पेश किया। यहां पर रात 1 बजे के करीब पीएम 10 की मात्रा सिर्फ 263 mgcm और पीएम 2.5 का स्तर 191 mgcm दर्ज हुआ। सीपीसीबी के एक अधिकारी ने बताया कि शाम 7 से 12 बजे के बीच दिल्ली-एनसीआर में अनुमानित 50 लाख किलो पटाखे जले हैं। ऐसी स्थिति में ही प्रदूषण का स्तर इस लेवल तक पहुंच सकता है।