भाजपा ने सतना में छह सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का किया ऐलान, एक सीट अभी रुकी

भाजपा ने सतना में छह सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का किया ऐलान, एक सीट अभी रुकी

सतना
भारतीय जनता पार्टी द्वारा आज घोषित प्रत्याशियों के नामों की घोषणा में मध्यप्रदेश के सतना जिले की सात विधानसभा सीटों में से छह में प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी गयी है। अब केवल अमरपाटन विधानसभा सीट बची है, जिसके लिए प्रत्याशी का चयन होना बाकी बचा है। भाजपा ने जिले की रामपुर बघेलान विधानसभा सीट से विक्रम सिंह को टिकट दिया है। विक्रम सिंह मध्यप्रदेश सरकार के राज्य मंत्री हर्षनारायण सिंह के पुत्र है। उनकी जगह उनके पुत्र को टिकट दी गई, जबकि अन्य पांच सीटों पर उन्हे मौका मिला है, जिन्होने वर्ष 2008 मे अच्छा प्रदर्शन किया था। चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र से सुरेन्द्र सिंह गहरवार को पार्टी ने एक बार पुन: मौका दिया है। वे वर्ष 2008 के चुनाव में पहली बार यहीं से विधायक चुने गये थे, परंतु 2013 में कांग्रेस के प्रेम सिंह से चुनाव हार जाने के कारण वर्ष 2017 के उपचुनाव मे उन्हे टिकट नही मिला था। चित्रकूट के उपचुनाव मे  पार्टी ने शंकर दयाल त्रिपाठी को उतार दिया था, लेकिन वे पार्टी की अपेक्षा अनुसार प्रदर्शन करने मे नाकाम रहे। इस तरह एक बार पुन: पार्टी ने सुरेन्द्र सिंह गहरवार को मौका दिया है। रैगांव विधानसभा क्षेत्र (सुरक्षित) से जुगलकिशोर बागरी को टिकट मिली है, वे यहां से पांच बार विधायक रह चुके है। वर्ष 2013 में जुगुल किशोर बागरी के पुत्रं  पुष्पराज बागरी मैदान मे थे, परंतु बसपा की महिला उम्मीदवार ऊषा चौधरी ने उन्हे हरा दिया था इस दफे पार्टी ने फिर उनपर भरोसा जताया है।

नागौद विधान सभा क्षेत्र से पार्टी ने पूर्व मंत्री एवं खजुराहो सांसद नागेन्द्र सिंह को उतारा है। वर्ष 2003 एवं 2008 में नागेन्द्र सिंह लगातार दो बार यहां से विधायक चुने गये थे, लेकिन 2013 में उन्होंने विधानसभा का चुनाव न लड़ने का फैसला किया था। उन्ही की अनुशंसा पर पार्टी ने नागौद विधान सभा क्षेत्र से गगनेन्द्र सिंह को टिकट दिया था, लेकिन गगनेन्द्र सिंह आपेक्षित परिणाम देने मे नाकाम रहे, जिसके चलते 2018 मे पार्टी ने पुन: एक बार नागेंन्द्र सिंह को नागौद विधान सभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया है। मैहर विधानसभा क्षेत्र से नारायण त्रिपाठी को प्रत्याशी बना गया है। वर्ष 2014 मे नारायण त्रिपाठी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी मे शामिल हो गये थे। वर्ष 2016 के उपचुनाव मे वे बीजेपी की टिकट पर पहली बार विधायक बने। इससे पहले वे 2003 मे सपा की टिकट पर चुनाव जीते थे। वर्ष 2008 में उन्हे बीजेपी के मोतीलाल तिवारी ने हराया था। 2013 में नारायण त्रिपाठी कांग्रेस की टिकट पर मैहर से विधायक चुने गये थे। अजय सिंह के साथ उनके मतभेद थे, जिसके चलते वे 2014 में भाजपा में शामिल हो गये।

वर्ष 2016 के उपचुनाव में वे भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार थे। पार्टी ने उन्हे  यथावत रखा है। जिला मुख्यालय की सतना विधान सभा की सीट पर प्रत्याशी बदले जाने की अटकलें गलत साबित हुई। भाजपा के मौजूदा विधायक शंकरलाल तिवारी पांचवी मर्तबा सतना विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लडेंगे। वर्ष 1998 में शंकरलाल तिवारी भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी मांगेराम गुप्ता के खिलाफ चुनाव लड़कर सुर्खियों मे आये थे। वर्ष 2003 मे पार्टी ने इन्हे पहली दफे यहां से  टिकट दी थी, वे 2003 से लगातार विधायक है। इस बार भी पार्टी ने उन्ही पर भरोसा जताया है।