भारत-अमेर‍िका की दोस्‍ती से टेंशन में रूस

भारत-अमेर‍िका की दोस्‍ती से टेंशन में रूस

वॉशिंगटन
पूर्वी लद्दाख में भारतीय सरजमीं पर नजरें गड़ाए बैठे चीनी ड्रैगन के खिलाफ भारत और अमेरिका साथ आते दिख रहे हैं। चीन पर नकेल कसने के लिए भारत ने अमेरिका के साथ कई बेहद अहम रक्षा समझौतों को अंजाम दिया है। भारत और अमेरिका के बीच बढ़ती दोस्‍ती से रूस की टेंशन बढ़ती जा रही है। रूस ने इशारों ही इशारों में चेतावनी दी कि लद्दाख तनाव का गलत इस्‍तेमाल अमेरिका अपने भू-राजनीतिक उद्देश्‍यों के लिए कर सकता है। आइए जानते हैं कि रूस भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते सहयोग से क्‍यों चिंतित है....

भारत में रूस के उप मिशन प्रमुख रोमन बाबुश्किन ने शुक्रवार को कहा, ‘यह स्पष्ट है कि वैश्विक उथल-पुथल और अनिश्चितता के बीच भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ता है तो इसका असर हमारे साझा घर यूरेशिया क्षेत्र की स्थिरता पर पड़ेगा। इस गतिरोध का जिसे हम देख रहे हैं, उसका दुरुपयोग अन्य ताकतों की ओर से अपने भू-राजनीतिक उद्देश्‍यों के लिए किया जा सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘हम मानते हैं कि हमारे दोनों मित्र एशियाई देशों को और अधिक सकारात्मक संवाद के लिए प्रोत्साहित करना महत्वपूर्ण है।'

रूस और अमेरिका दोनों ही बढ़त बनाना चाहते हैं
रोमन ने कहा कि उनका देश भारत और चीन के बीच तनाव से 'स्‍वाभाविक रूप से चिंतित' है और दोनों ही एशियाई पड़ोसी देशों के लिए यह बेहद महत्‍वपूर्ण है कि वे और ज्‍यादा रचनात्‍मक बातचीत में शामिल हों। दरअसल, पूर्वी लद्दाख में चल रहे तनाव के जरिए रूस और अमेरिका दोनों ही बढ़त बनाना चाहते हैं और इसकी वजह से दोनों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। रूस में पिछले दिनों हुई बातचीत के बाद भारत और चीन के बीच तनाव को कम करने पर आपसी सहमति बनी है।


रूसी विदेश मंत्री के हस्‍तक्षेप के बाद भी चीन अभी भी पूर्वी लद्दाख में पीछे हटने को तैयार होता नहीं दिख रहा है। भारत और चीन के हजारों सैनिक और घातक हथियार कड़ाके की ठंड के बाद भी पूर्वी लद्दाख में तैनात हैं। अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के नेतृत्‍व में अमेरिका चीन को सबक सिखाने के लिए भारत, जापान और ऑ‍स्‍ट्रेलिया के साथ मिलकर 'क्‍वॉड' को मजबूत करने में जुट गया है। यही नहीं रूस के सबसे बड़े शस्‍त्र बाजार भारत को अमेरिका अत्‍याधुनिक हथियार दे रहा है।


क्‍वॉड से रूस को सता रहा बड़ा डर
अमेर‍िका के इस तरफा हमले से रूस की टेंशन बढ़ गई है। रूस को डर सता रहा है कि अगर भारत क्‍वॉड के जरिए अमेरिकी खेमे में गया तो उसकी मुसीबत काफी बढ़ जाएगी, वहीं अमेरिका का प्रभाव एशिया में काफी बढ़ जाएगा। यही नहीं भारत के बाजार से सफाया होने के बाद रूसी अर्थव्‍यवस्‍था भी संकट में आ जाएगी। इसी वजह से रूस शंघाई सहयोग संगठन और ब्रिक्‍स की बैठक के जरिए दोनों ही सदस्‍य देशों भारत और चीन के बीच तनाव को घटाने में जुट गया है।

भारत को जल्द S-400 मिसाइल सौंपेगा रूस
चीन के साथ तनाव के बीच रूस ने भारत को दिए जाने वाले S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम को जल्दी से जल्दी मुहैया करने का आश्वासन दिया है। एस-400 सतह से हवा में मार करने वाली रक्षा प्रणाली दुनिया में सबसे उन्नत सिस्टम में से एक है। मध्यम से लंबी दूरी तक, इसका रडार 400 किलोमीटर (249 मील) की सीमा तक आने वाले विमानों को स्पॉट और ट्रैक कर सकता है और लक्ष्य पर कई मिसाइलों से हमला कर सकता है।