भारत ने आखिर 112 को ही क्यों चुना अपना सिंगल इमर्जेंसी हेल्पलाइन नंबर, जानें वजह
केंद्र सरकार ने मंगलवार को सिंगल इमर्जेंसी हेल्पलाइन नंबर 112 लॉन्च किया है। अमेरिका के 911 की तर्ज पर 112 को इमर्जेंसी रिस्पॉन्स सपॉर्ट सिस्टम के तहत लाया गया है। 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह सिंगल इमर्जेंसी नंबर लॉन्च हुआ है। सवाल उठता है कि आखिर भारत ने 112 को ही सिंगल इमर्जेंसी नंबर के रूप में क्यों चुना है? हम आपको बता रहे हैं इसकी वजह।
112 नंबर को सिलेक्ट करने के पीछे का इतिहास
1972 में यूरोपियन कॉन्फ्रेंस ऑफ पोस्टल एंड टेलिकम्युनिकेशंस एडमिनिस्ट्रेशंस (CEPT) ने दो कारणों से 112 को इमर्जेंसी हेल्पलाइन नंबर के रूप में सिलेक्ट किया। पहली वजह यह है कि उन दिनों रोटरी टाइप फोन (जिनमें नंबर को घुमाकर फोन डॉयल किया जाता है) हुआ करते थे, जिनमें 112 डॉयल करने में कम रोटेशन की जरूरत होती थी। वहीं, नॉर्थ अमेरिका में इस्तेमाल किए जाने वाले 911 या ब्रिटेन में यूज किए जाने वाले 999 नंबर में कहीं ज्यादा रोटेशन करना पड़ता था। दूसरी वजह यह है कि ज्यादातर रोटरी फोन में डॉयल लॉक था। फोन के दुरुपयोग को रोकने के लिए इसे नंबर 3 पर फिक्स किया गया था। इसका मतलब यह है कि डॉयल लॉक के बावजूद कोई भी व्यक्ति इमर्जेंसी हेल्पलाइन नंबर डॉयल कर सकता है।
इस नंबर को डॉयल करना है आसान
रोटरी फोन्स की जगह अब मोबाइल फोन आ गए हैं। कीपैड पर 102 की बजाय 112 डॉयल करना कहीं ज्यादा आसान है। 102 भारत में एंबुलेंस के लिए इमर्जेंसी कॉन्टैक्ट नंबर है। इसके अलावा, दुनिया में ज्यादातर लोग GSM कम्पैटबल हैंडसेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। 112 GSM स्टैंडर्ड का हिस्सा है और फोन लॉक होने के बावजूद इसके डॉयल किया जा सकता है। इसके अलावा, सिंगल इमर्जेंसी हेल्पलाइन नंबर में एक डिजिट अलग होने से इस नंबर के जरूरत न होने पर अचानक से डॉयल होने जाने की संभावनाएं कम हो जाती हैं। ब्रिटेन में 999 इमर्जेंसी नंबर के साथ धोखे से नंबर डॉयल होने के बहुत सारे मामले आते हैं।
सिंगल इमर्जेंसी हेल्पलाइन नंबर की थी सख्त जरूरत
इंटरनैशनल टेलिकम्युनिकेशंस यूनियन (ITU) ने 2008 में सिंगल यूनिवर्सल इमर्जेंसी हेल्पलाइन नंबर अपनाने की सिफारिश की थी। इसमें 112 और 911 के बीच नंबर चुनने को कहा गया था। चूंकि, यूरोपियन यूनियन में पहले से 112 सिंगल इमर्जेंसी हेल्पलाइन नंबर के रूप में इस्तेमाल हो रहा है, इसलिए ज्यादातर देशों ने इसे अपनाने का फैसला किया। अमेरिका जैसे देश में भी 112 सेकंडरी हेल्पलाइन नंबर है, जब इस नंबर को डॉयल किया जाता है तो यह 911 में रीडायरेक्ट कर देता है। भारत में पुलिस के लिए 100, ऐंबुलेंस के लिए 102, आपदा राहत के लिए 108 और विमेन हेल्पलाइन नंबर 1091 है। इसके अलावा, राज्यों के अलग से हेल्पलाइन नंबर हैं। ऐसे में देश भर के लिए सिंगल इमर्जेंसी हेल्पलाइन नंबर की जरूरत थी।