मोटापे के लिए जिम्मेदार जीन्स की हुई पहचान
मोटापे की समस्या से दुनिया भर में लोग परेशान हैं। मोटापा केवल विकसित देशों की समस्या नहीं रह गया है, विकासशील देशों में रहने वाले लोग भी मोटापे से ग्रस्त होने लगे हैं। अब तक इसकी तमाम वजहों का अनुमान लगाया जाता रहा है लेकिन हाल ही में अमेरिका में हुई एक रिसर्च में शोधकर्ताओं ने ऐसे जीन्स का पता लगाया है जिन्हें मोटापे के लिए जिम्मेदार माना जा सकता है।
जीन्स तय करते हैं कौन मोटा होगा
अलग-अलग प्राणियों पर किए गए प्रयोगों के बाद अमेरिका की नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने ऐसे जीन्स का पता लगाया है जो मनुष्यों के शरीर के आकार,आकृति, ऊंचाई और मोटापे को प्रभावित करते हैं। रिसर्च में मिले नतीजों से यह समझने में मदद मिलेगी कि जीन्स किस तरह यह पहले से ही तय कर देते हैं कि अमुक शख्स मोटा होगा।
जर्नल नेचर जेनेटिक्स में छपी इस स्टडी में शोधकर्ताओं ने क्रोमोसोम पर 24 कोडिंग जीन्स का पता लगाया। इनमें से 15 सामान्य थे जबकि 9 दुर्लभ। ये कमर और कूल्हे के आकार के अनुपात को पूर्वनिर्धारित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। जिन लोगों में कमर और कूल्हे का अनुपात ज्यादा होता है उनमें मोटापे से जुड़ी बीमारियों से ग्रस्त होने की आशंका ज्यादा रहती है।
टाइप 2 डायबीटीज का इलाज खोजने में मदद मिलेगी
रिसर्च में अहम भूमिका निभाने वाले कैरी ई नॉर्थ का कहना था, 'पहली बार हमें यह जानने का मौका मिला है कि किस तरह जीन्स शरीर में फैट के फैलाव को प्रभावित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसे समझने के बाद हम मोटापा और उससे जुड़ी बीमारियों के ज्यादा प्रभावी इलाज खोजने में कामयाब होंगे, खासकर टाइप 2 डायबीटीज और दिल की बीमारियां।'
रिसर्च में ऐसे जेनेटिक पाथवेज और जीन्स सेट के बारे में पता चला जो न केवल जीवों के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करते हैं बल्कि शरीर में फैट टिशू के वितरण, बोन ग्रोथ और एडिपोनेक्टिन नामके हॉर्मोन को नियंत्रित करते हैं। यह हॉर्मोन ग्लूकोज के लेवल को कंट्रोल करता है और फैट को आगे विखंडित करता है। दूसरे जीवों पर किए गए प्रयोगों के जरिए इस टीम को दो ऐसे जीन्स की भी जानकारी मिली जो शरीर में ट्राइग्लिसराइड और बॉडी फैट में उल्लेखनीय वृद्धि से संबंधित हैं।