मध्य प्रदेश: 1100 से ज्यादा 'भूत' ले रहे सरकारी पेंशन, सर्वे के बाद उड़े प्रशासन के होश
भोपाल
मध्य प्रदेश में सामाजिक न्याय विभाग से लगभग 1100 ऐसे लोगों को नाम पर पेंशन निकाली जा रही है, जो कि जिंदा ही नहीं है। राज्य सरकार द्वारा 90 लाभार्थियों पर किए गए रिऐलिटी चेक में यह मामला सामने आया है। कहा जा रहा है कि यह तो शुरुआत मात्र है और इस तरह के ढेरों मामले अभी सामने आने हैं। सूत्रों का कहना है कि यह संख्या बहुत बड़ी भी हो सकती है। मार्च के दूसरे हफ्ते में प्रमुख सचिव अशोक कुमार शाह ने नई नियुक्ति पाए सामाजिक सुरक्षा विकास के अधिकारियों को पेंशन लाभार्थियों के फिजिकल वेरिफिकेशन के निर्देश दिए। लगभग 235 अधिकारियों की टीम को लाभार्थियों के घर-घर जाकर वेरिफिकेशन करने को कहा गया। इस सर्वे में 906 पेंशनधारियों की मृत्यु के बारे में पता चला और 179 पेंशनधारी ऐसे थे जो अपने पते पर नहीं मिले।
फिजिकल वेरिफिकेशन के निर्देश
इतनी बड़ी संख्या में पेंशनधारियों के ना होने के बावजूद उनके नाम पर जारी हो रही पेंशन को देखते हुए सभी जिलाधिकारियों, नगर आयुक्तों, जिला पंचायत अधिकारियों, जनपर पंचायत और नगर पंचायत के अधिकारियों को जल्द से जल्द 90 से ऊपर की उम्र वाले सभी पेंशनधारियों के फिजिकल वेरिफेकेशन के निर्देश दिए गए हैं। राज्य सरकार द्वारा 90 साल से ऊपर की उम्र वाले 20,000 से ज्यादा लोगों को 500 रुपये महीने की पेंशन दी जा रही है। इसके पहले के सर्वे में मात्र पांच पर्सेंट लोगों के मरने की पुष्टि हुई है। उम्मीद की जा रही है कि जांच के बाद यह आंकड़ा बढ़ सकता है। कहा गया है कि अगर कोई भी व्यक्ति मृतक के स्थान पर पेंशन लेता पाया गया तो जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।