महाशिवरात्रि पर इस बार बन रहा ये दुर्लभ संयोग, शुभ कार्य होंगे फलदायी
महासमुंद
प्रतिवर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है, लेकिन इस वर्ष महाशिवरात्रि कुछ अति-महत्वपूर्ण व दुर्लभ संयोगों में मनाया जाएगा। यह दुर्लभ संयोग कई वर्षों बाद बना है। इसमें सोमवार के दिन ही महाशिवरात्रि पर्व मनेगा। इसे लेकर शिवालयों में तैयारियां शुरू हो गई है। कोतवाली परिसर स्थित नवनिर्मित शिव मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा भी होगी। महिलाओं ने शनिवार को कलश यात्रा निकाली।
महाशिवरात्रि पर्व इस वर्ष 4 मार्च को मनाया जा रहा है। पंडितों के अनुसार इस वर्ष शिवरात्रि के दिन सोमवार होने के साथ-साथ त्रयोदशी व चतुर्दशी का संयोग बन रहा है। कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष होता है। 4 मार्च को उदयकालीन तिथि त्रयोदशी एवं रात्रिकालीन तिथि चतुर्दशी रहेगी।
चूंकि 4 मार्च को त्रयोदशी तिथि प्रदोषकाल से पूर्व ही समाप्त हो रही है, इसलिए प्रदोष व्रत 3 मार्च को रहेगा, किंतु उदयकालीन तिथि की मान्यता के अनुसार 4 मार्च को त्रयोदशी व चतुर्दशी तिथि का संयोग रहेगा, जो अत्यंत शुभ है एवं वर्षों बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बनता है। महाशिवरात्रि को लेकर शहर के शिव मंदिर और कनेकेरा, दलदली, सिरपुर, बम्हनी सहित अन्य मंदिरों में तैयारियां प्रारंभ हो गई है। पं. पंकज तिवारी ने बताया कि इस बार महाशिवरात्रि हर कार्यांे के लिए शुभ होगा। इस दिन व्यापार, गृह प्रवेश जैसे शुभकार्य विशेष फलदायी होंगे।
निकाली कलश यात्रा
कोतवाली परिसर में शिव मंदिर का निर्माण किया गया है। जिसकी प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम महाशिवरात्रि के अवसर पर किया जाएगा। प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पूर्व कोतवाली परिसर से महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली। कलश यात्रा नेहरू चौक, गांधी चौक होते हुए महामाया मंदिर पहुंची। इस दौरान कोतवाली स्टॉफ सहित बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी। दूसरे दिन रविवार को पूजा-अर्चना की जाएगी। सोमवार सुबह महाशिवरात्रि के दिन 8 बजे प्राण-प्रतिष्ठा कर हवन पूजन किया जाएगा। इसके बाद दोपहर 12 बजे से आम भंडार का आयोजन किया गया है।