मालवा में ओलावृष्टि से किसानों की कमर टूटी, नुकसान के आकलन में जुटा प्रशासन

मालवा में ओलावृष्टि से किसानों की कमर टूटी, नुकसान के आकलन में जुटा प्रशासन

मध्य प्रदेश के मालवा के नीमच, मंदसौर और रतलाम जिलों में हुई बारिश और ओलावृष्टि  से अफीम, गेंहू, धनिया और चना की फसल को भारी नुकसान हुआ है. इसने किसानों की कमर तोड़ दी है. तीनों जिलों का प्रशासन फसलों को हुए नुकसान का आकलन करा रहा है जबकि अफीम में नुकसान के आकलन का कोई प्रावधान नहीं है. ऐसे में जिस किसान को लगता है वह सरकार से तय औसत नहीं दे पाएगा तो उसे अपनी फसल नष्ट करने का का आवेदन सेन्ट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो को देना होगा. उसके लिए 5 मार्च तक का  समय दिया गया है.

मालवा में 13 फरवरी की रात ओलावृष्टि हुई. इस समय अफीम, गेंहू, चना और धनिए की फसल लहलहा रही है. इस प्राकृतिक आपदा ने किसानों की कमर तोड़ दी. नीमच जिले के रेवली देवली निवासी अफीम किसान मोहन नागदा कहते हैं ओले गिराने से डोडे फट गए, उनमें से दूध बाहर निकल गया, ऐसे में अब जब हम चीरा लगाएंगे तो अफीम की पैदावार उतनी नहीं होगी. किसान नागदा कहते हैं अफीम में करीब 20 प्रतिशत तक नुक्सान का अनुमान है. मंदसौर जिले के गरोठ के किसान गोपाल का कहना था हमारे यहां अफीम में 40 प्रतिशत तक नुक्सान होने की संभावना है. अब हमारे पास चारा क्या है यदि फसल हंकवाएंगे तो भारी नुक्सान होगा और यदि औसत कम बैठी तो अगले साल पट्टा नहीं मिलेगा.

जब सेन्ट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो के उपायुकत प्रमोद सिंह से बात की गई तो उनका कहना था फसल हंकवाने के आवेदन की तारीख 5 मार्च दी है, यदि कोई किसान नुकसान के कारण फसल हंकवाना चाहे तो हमें आवेदन दे सकता है. गौरतलब है कि इस बार मध्य प्रदेश में 34 हज़ार 521 किसानों को अफीम के पट्टे मिले हैं और कुल 3425 हेक्टेयर में अफीम बोई गई है.


नीमच कलेक्टर राजीव रंजन मीणा ने बताया कि फसलों के नुकसान के विस्तृत सर्वे के निर्देश दे दिए हैं. राजस्व विभाग की टीम सर्वे कार्य में लगी है. नुकसान के प्रतिशत के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा. नीमच जिले में इस बार 49 हज़ार हेक्टेयर में गेंहू की फसल और 42 हज़ार हेक्टेयर में चने की बुवाई की गई है.

नुकसान के बारे में नीमच जिले की रामपुरा तहसील के किसान हेमंत धनगर का कहना था गेंहू में 70 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है. धनिया किसान पप्पू गुर्जर का कहना था कि करीब 40 प्रतिशत तक नुकसान धनिया की फसल का हुआ है. रेवली देवली के चना किसान नागेश नागदा का कहना है चना की फसल का नुकसान करीब 70 प्रतिशत अनुमानित है.