खनिज उत्पादन और रायल्टी ट्रेंड का होगा नियमित विश्लेषण, माइनिंग सेक्टर को मिलेगी नई गत: -प्रमुख सचिव टी. रविकान्त

खनिज उत्पादन और रायल्टी ट्रेंड का होगा नियमित विश्लेषण, माइनिंग सेक्टर को मिलेगी नई गत: -प्रमुख सचिव टी. रविकान्त

खानधारक और सरकार दोनों होंगे लाभान्वित

जयपुर। माइंस विभाग द्वारा अब खानों में खनन उत्पादन और रायल्टी ट्रेंड का भी विश्लेषण किया जाएगा। ताकि खनिज उत्पादन के उतार चढ़ाव पर निगरानी रखते हुए राजस्थान के माइनिंग सेक्टर की विकास दर को और अधिक गति दी जा सके। प्रमुख सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम टी. रविकान्त ने बताया है कि यह जिम्मेदारी वृत स्तर पर विभाग के अधीक्षण खनि अभियंताओं को दी गई है। वृत अधीक्षण खनि अभियंता प्रतिमाह चार से पांच खानों में उत्पादन के उतार-चढ़ाव का विश्लेषण करेंगे और आवश्यकता होने पर ड्रोन सर्वे के माध्यम से भी सत्यापन करवाया जा सकेगा।
प्रमुख सचिव माइंस टी. रविकान्त ने यह निर्देश विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही आरसीसी-ईआरसीसी रायल्टी वसूली के आंकड़ों का भी अधीक्षण खनि अभियंताओं द्वारा विश्लेषण किया जाएगा ताकि रायल्टी वसूली की प्रभावी मोनेटरिंग संभव हो सके। उन्होंने कहा कि नियमित विश्लेषण से खानधारकों और सरकार दोनों को खनिज उत्पादन में कमी-ज्यादा के कारणों, मांग और आपूर्ति और भविष्य की संभावनाओं को समझने में आसानी होगी। इससे खानधारकों और सरकार दोनों को ही माइनिंग सेक्टर की भविष्य की संभावनाओं का संकेत मिल सकेगा।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा राजस्थान को माइनिंग सेक्टर में अग्रणी और नवाचारी प्रदेश बनाना चाहते हैं इसलिए राजस्थान के माइनिंग सेक्टर में बहुआयामी दिशाओं में कार्य करते हुए नित नए आयाम भी स्थापित होने लगे हैं।
टी. रविकान्त ने कहा कि हमारी टिप्स में होना चाहिए कि यदि खनन उत्पादन किसी माह विशेष में कम हो रहा है तो इसके कारण क्या है या फिर खनन की तुलना में रायल्टी में कमी बेशी के कारण क्या है। एक तरह से यह रिसर्च ओरियंटेड कार्य होने के साथ ही माइनिंग सेक्टर को और अधिक गतिशील बनाने में सहायक होगा। इसके साथ ही फील्ड पर अधिकारियों की सक्रियता से वैध खनन को बढ़ावा और अवैध खनन पर रोक भी संभव हो पायेगी।
निदेशक माइंस महावीर प्रसाद मीणा ने बताया कि फील्ड अधिकारियों को अधिक सक्रियता से कार्य करने के निर्देश देने के साथ ही विभागीय मोनेटरिंग व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है।
वर्चुअल बैठक में संयुक्त सचिव माइंस अरविन्द सारश्वत, अतिरिक्त निदेशक महेश माथुर, योगेन्द्र सिंह सहवाल, वितीय सलाहकार सुरेश जैन, ओएसडी श्रीकृष्ण शर्मा, एसजी सुनील वर्मा, एसएमई में एनएस शक्तावत, देवेन्द्र गौड़, एसपी शर्मा, ओपी काबरा, अविनाश कुलदीप, सुनील शर्मा, एनके बैरवा सहित एमई, एएमई स्तर के फील्ड अधिकारियों ने हिस्सा लिया।