मेट्रो के गेट में फंसी साड़ी, मेट्रो चल पड़ी और घिसटते-घिसटते महिला ट्रैक पर गिरी

मेट्रो के गेट में फंसी साड़ी, मेट्रो चल पड़ी और घिसटते-घिसटते महिला ट्रैक पर गिरी

नई दिल्ली
मोती नगर मेट्रो स्टेशन में मंगलवार सुबह बड़ी घटना सामने आई, जिसमें महिला की जान बाल-बाल बच गई। जब महिला ट्रेन से उतर रही थी तो गेट बंद होते समय साड़ी गेट में फंस गई और मेट्रो चल पड़ी। महिला भी घिसटती हुई चली गई। प्लैटफॉर्म पर चीख-पुकार मचने लगी। बताया जा रहा है कि महिला घिसटती हुई रेलवे ट्रैक पर जा गिरी। पैसेंजरों ने ट्रेन ऑपरेटर को हल्ला मचाकर इशारा किया। ट्रेन ऑपरेटर ने सतर्कता दिखाते हुए कुछ दूरी पर ट्रेन को रोक दिया।

 

इस घटना में महिला चोटिल भी हो गई। सूचना मिलते ही स्टेशन अधिकारी और सीआईएसएफ के जवान मौके पर पहुंच गए और महिला को पास के अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया। बता दें कि बहुत साल पहले राजीव चौक मेट्रो स्टेशन के गेट में गार्ड का हाथ फंस गया था और वह घिसटता हुआ अगले स्टेशन तक जा पहुंचा था।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुबह करीब 9:20 बजे मोती नगर मेट्रो स्टेशन पर वैशली की ओर जाने वाली मेट्रो पहुंची। पैसेंजर उतरने व चढ़ने लगे। 40 वर्षीय महिला गीता भी मोती नगर मेट्रो स्टेशन जब उतर रही थीं, तो गेट बंद होने लगा। वह तो उतर गईं, लेकिन उनकी साड़ी गेट में फंस गई और गेट बंद हो गया। चूंकि साड़ी बहुत ही पतली होती है, तो गेट के सेंसर को भी पता नहीं चला। ट्रेन चल पड़ी। महिला भी ट्रेन के साथ घिसटती चली गईं। महिला के चिल्लाने और अन्य पैसेंजरों के शोर मचाने पर ट्रेन ऑपरेटर ने तुरंत सतर्कता दिखाई और कुछ दूरी पर ट्रेन को रोक दिया। बताया जा रहा है कि महिला की साड़ी भी फट गई। महिला गीता के पति जगदीश गोला का कहना है कि मेट्रो काफी दूर जाकर रुकी तब तक उनकी पत्नी प्लैटफॉर्म से घिसटती हुई बिल्कुल आखिरी छोर पर जाकर रेलवे ट्रैक पर गिर गई थीं। पूरी बॉडी पर काफी चोटें आई हैं।

इस वजह से ब्लू लाइन पर मेट्रो का परिचालन भी प्रभावित हो गया। करीब 20 मिनट तक मेट्रो सर्विस बाधित रही। सीआईएसएफ और स्टेशन अधिकारियों ने महिला को पास के अस्पताल में पहुंचाया गया। इसके साथ ही यह सवाल खड़ा हो गया है कि साड़ी फंसने के बारे में जब सेंसर को पता नहीं चला तो ऐसी घटनाएं भविष्य में होना भी संभावित है। मेट्रो महज 10 से 20 सेकंड के लिए रुकती है और इतने में समय में पैसेंजरों के लिए चढ़ना और उतरना आसान नहीं होता है।