रेलवे की ऑनलाइन परीक्षा से खुश छात्रों को सेंटर्स ने दिया 'झटका', हैदराबाद और मुंबई का बुलावा

पटना
रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड नौ अगस्त से असिस्टेंट लोको पायलट और तकनीशियनों की भर्ती के लिये परीक्षा लेने जा रहा है. रेलवे के इन पदों की यह परीक्षा पहली बार कंप्यूटर आधारित होगी लेकिन ऑनलाइन परीक्षा होने के बावजूद परीक्षार्थी खासे नाराज हैं.

दरअसल ऑनलाइन होने वाली इस परीक्षा का सेंटर मद्रास, कोलकाता, दिल्ली और मुंबई जैसे जगहों पर भेज दिया गया है. रेलवे ने असिस्टेंट लोको पायलट और तकनीशियन की नियुक्ति के लिये 26 हजार 500 रिक्तियां निकाली हैं. जिसके लिये 47 लाख से ज्यादा आवेदकों ने आवेदन किया है. प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले कई छात्रों ने बताया कि उनका सेंटर मध्यप्रदेश, गुजरात, हैदराबाद, कर्नाटक जैसे शहरों में दिया गया है जबकि ऑनलाइन परीक्षाओं का आयोजन अभ्यर्थियों के गृह राज्य के ही बड़े शहरों में ही होना चाहिये.

आरा के रहने वाले दो भाईयों पंकज और संजीव कुमार ने एक साथ लोको पायलट के लिये आवेदन किया था. संजीव ने बताया कि उनका और उनके भाई पंकज दोनों का सेंटर हैदराबाद है लेकिन दोनों भाईयों की परीक्षा दो दिन है. संजीव की परीक्षा 17 अगस्त को है लेकिन उनके भाई की परीक्षा उसी शहर में 20 अगस्त को है. दोनों भाईयों ने परीक्षा का फार्म मार्च में भरा था और 1200 रुपये परीक्षा शुल्क दिया था लेकिन हैदराबाद का टिकट नहीं मिलने के कारण दोनों भाई ये परीक्षा छोड़ रहे हैं. पंकज ने कहा कि सरकार को परीक्षा राज्य के बड़े शहरों में लेनी चाहिये थी या फिर सेंटर कम से कम एक महीने पहले बताना चाहिये था.

कई छात्रों की शिकायत है कि उनके सेंटर्स ऐसे जगह दिये गये हैं जहां जाने के लिये सीधी ट्रेन नहीं है. समय कम रहने पर ट्रेन में टिकट कन्फर्म नहीं मिल रहा है जिससे छात्रों को बहुत परेशानी हो रही है. रेलवे की यह ऑनलाइन परीक्षा देश के सभी प्रमुख नगरों में आयोजित की जाएगी. दरअसल 26 जुलाई से आवेदकों को पता चल जाएगा कि उनका परीक्षा केंद्र कहां पर है जबकि एडमिट कार्ड परीक्षा से 4 दिन पहले डाउनलोड किये जा सकेंगे.

रेलवे की यह परीक्षा छुट्टी वाले दिन नहीं होगी. आवेदक संजीव ने बताया कि बोर्ड की ऑनलाइन परीक्षा 9 से 31 अगस्त के बीच अलग-अलग तिथियों को होगी. इस मामले को लेकर छात्र संगठनों में भी खासी नाराजगी है. छात्र राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष आलोक रंजन ने बताया कि ये परीक्षा नहीं बल्कि छात्रों के करियर से खिलवाड़ है. आलोक रंजन ने कहा कि रेलवे द्वारा आयोजित परीक्षा में जिस तरह से बिहार के छात्रों का परीक्षा केंद्र लगभग 1500 से 2000 किलोमीटर भेजा गया है उससे यह साफ़ प्रदर्शित होता है कि केंद्र सरकार पूरी तरह से छात्र एवं युवा विरोधी सरकार है.

एनएसयूआई के नेता अभिषेक द्विवेदी ने कहा कि रेलवे असिस्टेंट लोको पायलट तथा टेकनिशियन की जो परीक्षाएं आयोजित की जा रही है उसमें छात्र-हित को अनदेखा किया गया है. भारतीय रेलवे छात्रों तथा युवाओं को सबसे ज्यादा रोजगार देता है, सालों इन्तेजार के बाद रेलवे का फॉर्म आया. अब छात्रों को यह चिंता सता रही है कि परीक्षा केन्द्र इतनी दूरी पर है. उन्होंने सरकार की इस व्यवस्था पर सवाल खड़े किये.