लोकसभा से कन्ज्यूमर बिल पास

नई दिल्ली
संसद के शीतकालीन सत्र में उपभोक्ताओं के हित के संरक्षण और उनसे जुड़े विवादों के निपटारे के प्रावधानों से जुड़ा उपभोक्ता संरक्षण विधेयक-2018 गुरुवार को लोकसभा से पारित कर दिया गया. विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि विधेयक में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिससे देश के संघीय ढांचे को नुकसान हो.
केंद्रीय मंत्री पासवान ने कहा कि राज्यों के अधिकारों को पूरा ख्याल रखा गया है और उसमें किसी तरह का दखल नहीं होगा. पासवान ने कहा कि यह कानून 1986 में बना था, तब से स्थिति में इतना बदलाव आ गया लेकिन कानून पुराना ही था. इसलिए नया विधेयक लाने का फैसला लिया गया. उन्होंने विधेयक को निर्विवाद बताते हुए कहा कि यह देश के सवा सौ करोड़ उपभोक्ताओं के हित में है. इसमें केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) बनाने का प्रावधान है.
बिल में किए गए ये प्रावधान
रामविलास पासवान ने कहा कि पहले उपभोक्ता को वहां जाकर शिकायत करनी होती थी जहां से उसने सामान खरीदा है, लेकिन अब घर से ही शिकायत की जा सकती है. इसके अलावा Consumer Protection Bill 2018 में मध्यस्थता का भी प्रावधान है. उन्होंने कहा कि नये विधेयक में प्रावधान है कि अगर जिला और राज्य उपभोक्ता फोरम उपभोक्ता के हित में फैसला सुनाते हैं तो आरोपी कंपनी राष्ट्रीय फोरम में नहीं जा सकती.
केंद्रीय मंत्री पासवान ने कहा कि स्थायी समिति ने भ्रामक विज्ञापनों में दिखने वाले सेलिब्रिटी को जेल की सजा की सिफारिश की थी लेकिन इसमें सिर्फ जुर्माने का प्रावधान किया गया है. मंत्री ने कहा कि उन्होंने सभी पक्षों के सुझावों को स्वीकार किया है और आगे भी स्वीकार करेंगे.
विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रतिमा मंडल ने कहा कि विधेयक में केंद्र सरकार को राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में सदस्यों की नियुक्ति का अधिकार देता है लेकिन यह साफ नहीं है कि अर्द्ध-न्यायिक इकाई होने के नाते इसमें न्यायिक सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी या नहीं.
हंगामे की बीच मिली मंजूरी
इस दौरान कांग्रेस के सदस्य राफेल मामले में जेपीसी के गठन की मांग करते हुए आसन के करीब आ गए और नारेबाजी करने लगे. चर्चा के वक्त तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के एम श्रीनिवास राव भी आसन के पास शांत खड़े रहे, उनके हाथ में आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे की मांग वाला पोस्टर था.
हंगामे के बीच ही बीजेडी के तथागत सत्पथी ने कहा कि जिला और राज्य उपभोक्ता फोरम में नियुक्ति का अधिकार राज्यों को दिया जाना चाहिए. केंद्र को संघीय ढांचे में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. चर्चा में बीजेपी सासंद प्रहलाद पटेल, शिवसेना के राहुल शेवाले, एनसीपी के मधुकर कुकड़े, आईयूएमएल के ई टी मोहम्मद बशीर, जेडीयू के कौशलेंद्र कुमार, आरजेडी के जयप्रकाश नारायण यादव और आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने भाग लिया.