शनि पुष्य के संयोग में आरंभ होगी गुप्त नवरात्रि, नवमी पर सर्वार्थसिद्धि योग का संयोग

उज्जैन
आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 14 जुलाई शनिवार को शनि पुष्य संयोग में आरंभ होगी। इस बार देवी आराधना का पर्व काल आठ दिन का रहेगा। 21 जुलाई को नवमी पर सुबह 5.57 से 9.07 बजे तक सर्वार्थसिद्धि योग का महासंयोग रहेगा। गुप्तनवरात्रि में शक्तिपीठ हरसिद्धि में विशेष पूजा अर्चना होगी। साधक मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए गुप्त साधना करेंगे।
ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला ने बताया पंचागीय गणना के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की गुप्त नवरात्रि 14 जुलाई शनिवार को आरंभ होगी। इस दिन पुष्य नक्षत्र रहेगा। कुछ पंचागों में इस दिन प्रतिपदा का क्षय बताया गया है।
शास्त्रीय मान्यता से देखें तो वार और नक्षत्र में यदि संचार की स्थिति में तिथि का स्पर्श होता है, तो उस तिथि को आरंभ तिथि माना जाता है। इसलिए शनिवार को ही नवरात्र का आरंभ माना जाएगा। संयोग यह भी है कि नवरात्रि आठ दिन की होने से इस बार नवमी तिथि भी शनिवार को ही आ रही है।
वर्ष में चार नवरात्रि विशेष
श्रीमद् देवी भागवत के अनुसार वर्ष में चार बार शक्ति उपासना का पर्व नवरात्रि आता है। इसमें चैत्र और अश्विन की नवरात्रि प्राकट्य मानी जाती है। वहीं, माघ और आषाढ़ की नवरात्रि गुप्त कहलाती है। नवरात्रि के नौ दिनों में साध्ााक तथा उपासक माता की आराधना करते हैं।
भड्डाली नवमी पर अबूझ मुहूर्त
गुप्तनवरात्रि की नवमी भड्डाली नवमी के नाम से जानी जाती है। इसे अबूझ मुहूर्त की संज्ञा दी गई है। देवशयनी एकादशी से पहले मांगलिक कार्यों के लिए यह आखिरी विशेष मुहूर्त है। इस दिन सभी प्रकार के शुभ मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं।
23 को देव शयन, चातुर्मास आरंभ
23 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। इस दिन से चातुर्मास का आरंभ माना गया है। धार्मिक मान्यता अनुसार इस दिन श्रीहरि विष्णु राजाबलि का आतिथ्य स्वीकार करते हुए पाताल लोक जाएंगे तथा चार माह विश्राम करेंगे। देव शयन के इन चार माह मांगलिक कार्य नहीं होंगे।