संस्कारधानी जबलपुर बनी सुसाइड सिटी!! हर दिन 2 लोग कर रहे हैं आत्महत्या

संस्कारधानी जबलपुर बनी सुसाइड सिटी!! हर दिन 2 लोग कर रहे हैं आत्महत्या

जबलपुर
कर्ज से परेशान किसान ने ज़हर पी लिया. शादी के एक दिन पहले दूल्हे ने फांसी के फंदे पर झूलकर आत्महत्या कर ली. ब्लू व्हेल गेम के चक्कर मे युवक ने छत से कूदकर मौत को गले लगाया. युवती ने ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली. जबलपुर में पिछले कुछ समय से रोज इस तरह की ख़बरें सुर्ख़ियों में हैं.

कभी संस्कार धानी कहलाने वाला जबलपुर शहर सुसाइड सिटी बनता जा रहा है. शहर के लोगों में आत्महत्या का ट्रेंड-सा चल गया है. आंकड़े स्तब्ध करने वाले हैं. आंकड़े बता रहे हैं कि हर रोज़ ज़िले में औसतन 2 से ज्यादा लोग आत्महत्या कर रहे हैं. इस साल जनवरी से लेकर अप्रैल तक 220 लोग आत्महत्या कर चुके हैं.

साल 2019 आत्महत्या की ऐसी ही घटनाओं का गवाह बना. ज़िले के 36 थानों में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक हर रोज कम से कम दो लोग ज़िंदगी की जंग हार रहे हैं. आत्महत्या करने वालों में हर उम्र और वर्ग के लोग शामिल हैं. इसमे चाहें युवा हों या फिर बुजुर्ग, किसान, छात्र या फिर कोई प्रेमी जोड़ा. आगे बढ़ने की होड़, शिक्षा,व्यापार और प्यार में नाकामयाबी से लोग घबरा कर भाग रहे हैं. वो मुश्किलों का हिम्मत से सामना करने के बजाए बुझदिल होकर अपनी जान गंवा रहे हैं.

समाज के साथ पुलिस भी चिंता में है. लेकिन पुलिस इसकी मुख्य वजह आभासीय दुनिया यानि वर्चुअल वर्ल्ड को मानती है. युवा से लेकर बुजुर्ग तक आज सब मोबाइल फोन से जुड़े हैं. टूटते संयुक्त परिवार, परिवार में आपसी संवाद कम होने के कारण लोग अकेलेपन से जूझ रहे हैं. यही वजह है कि ज़रा सी परेशानी में लोग हिम्मत हार जाते हैं. उन्हें डिप्रेशन घेर लेता है और वो आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे हैं.