सरकारी अस्पतालों की पैथोलॉजी लैब के निजीकरण का विरोध
जबलपुर
पूर्व सरकार के निर्णय को भोपाल में बैठे अधिकारियों ने नई सरकार आने पर लागू कर दिया है। सरकारी अस्पतालों की पैथोलॉजी लैब को निजी कंपनियों के हाथ में सौंपने की तैयारी वाले आदेश दिए जा चुके हैं। जिसका असर हजारों कर्मचारियों के साथ ही पैरामेडिकल छात्रों के भविष्य पर देखने मिलेगा। यह शिकायत मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ की ओर से कलेक्टर कार्यालय में सीएम के नाम पर सौंपी गई। इस दौरान ज्ञापन लेते समय तहसीलदार एसएस आनंद एवं संघ के महामंत्री योगेन्द्र दुबे व कर्मचारी बड़ी संख्या में मौजूद थे।
ज्ञापन के जरिए बताया गया कि चिकित्सा शिक्षा विभाग भोपाल ने कुछ समय पहले राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज में संचालित पैथोलॉजी लैब की सेवा निजी कंपनियों को देने की तैयार कर ली है। यह नीति कर्मचारियों के विरोध में तैयार हुई है। यदि ऐसा हुआ तो प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के 1400 से 1500 कर्मचारियों के साथ अलग-अलग पैरामेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे हजारों छात्रों पर असर आएगा। जो छात्र पढ़ाई करने के बाद इस सेवा क्षेत्र में नौकरी करेंगे, उन्हें वेतन विसंगतियों का समाना करना होगा। सरकार या शासन स्तर पर सीधा हस्तक्षेप इन निजी पैथोलॉजी लैब पर नहीं रह जाएगा। इस दौरान मेडिकल कर्मचारियों के साथ अवधेश तिवारी, अर्वेन्द्र राजपूत, राजीव उपाध्याय आदि मौजूद थे।