साध्वी बहनों से मारपीट और दुष्कर्म के बहुचर्चित मामले में मंटू बाबा समेत दो बरी
भागलपुर
भागलपुर के बहुचर्चित मामले साध्वी बहनों के साथ मारपीट और दुष्कर्म के आरोपी स्वामी आज्ञानंद उर्फ मंटू बाबा और रत्ना पासवान को कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। शेष आरोपियों का कोर्ट में अलग से ट्रायल चल रहा है। एडीजे (सात) विनय कुमार मिश्रा के कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही थी। पीड़िता के बयान में अंतर पाया गया और गवाहों ने भी घटना का समर्थन नहीं किया।
कटिहार जिला की रहने वाली दो सगी बहनें शिवनारायणपुर थाना क्षेत्र के रामपुर गांव स्थित महर्षि मेंहीं आश्रम में रहती थीं। आश्रम का संचालन स्वामी राजेश्वरानंद और आज्ञानंद बाबा करते थे। वर्ष 2010 से दोनों बहनें आश्रम में रहती थीं। आरोप है कि घटना के चार माह पूर्व राजेश्वरानंद बाबा के हरिद्वार चले जाने के बाद मंटू बाबा और कुछ स्थानीय लोग दोनों बहनों को परेशान करने लगे थे। आश्रम खाली करने की धमकी दी जा रही थी। 26 अगस्त, 2012 की रात नौ बजे दोनों बहनें आश्रम के कमरे में खाना पका रही थीं।
इसी दौरान घनश्याम मंडल, विवेकानंद सिन्हा, मंटू बाबा, पंकज कुमार, प्रेम कुमार और रत्ना पासवान कमरे में घुसकर मारपीट करने लगे। खींचकर खेत में ले गए और दोनों बहनों के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। साध्वी बहनें रात में ही भागकर विक्रमशिला पहुंच गईं और जितेन्द्र यादव के घर में शरण ली। अगले दिन शिवनारायणपुर थाना पहुंचकर घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई। घटना के बाद स्वामी आज्ञानंद उर्फ मंटू बाबा नेपाल भाग गए।
पुलिस टीम ने नेपाल सीमा पर स्थित आश्रम से मंटू बाबा को गिरफ्तार किया। बचाव पक्ष के अधिवक्ता सूर्य नारायण सिंह और ब्रजेश कुमार झा ने कहा कि पीड़ित के बयान और एफआईआर में काफी अंतर था। गवाह जितेन्द्र यादव ने गवाही नहीं दी। अन्य गवाहों ने घटना का समर्थन नहीं किया। कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में दोनों को बरी कर दिया।