सार्थक एप फैल, नहीं मिल रही खाली बेड की जानकारी, डॉक्टर्स नहीं उठाते हैं फोन

भोपाल
भोपाल सहित प्रदेश भर के अस्पतालों में भर्ती होने के लिए मरीज परेशान हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते दिनों सार्थक पोर्टल तैयार करा खाली और भरे बिस्तरों की जानकारी 24 घंटे में दो बार अपलोड करने के निर्देश दिए थे। सीएम के निर्देश पर अफसरों ने खानापूर्ति करते हुए सिर्फ सार्थक पोर्टल पर सरकारी और निजी अस्पतालों की सूची संचालकों के मोबाइल नंबर सहित अपलोड कर अपना फर्ज पूरा कर लिया। इससे मरीज लगातार बिस्तरों के लिए परेशान हो रहे हैं। कई दिनों तक सिर्फ आॅक्सीजन सपोर्टेड बेड और वेंटिलेटर के लिए भटकना पड़ रहा है। डॉक्टरों की मानें तो समय पर सही इलाज न होने के कारण मौतों के मामले भी बढ़ रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने सार्थक पोर्टल के जरिए आम लोगों को अस्पतालों में कोविड बेड आॅक्यूपेंसी की जानकारी मूहैया कराने का दावा किया था, लेकिन हकीकत ये है कि सोशल मीडिया फेसबुक, व्हाट्सएप पर बिस्तरों के लिए परेशान होते मरीजों के मैसेज भरे पडेÞ हैं। शहर के कई सोशल मीडिया गु्रप्स के संचालक अस्पतालों में बिस्तरों की स्थिति पता करके मदद कर रहे हैं। भोपाल में 103 सरकारी व निजी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों का इलाज हो रहा है। इनमें से आधा दर्जन अस्पतालों ने अपनी रेट लिस्ट अपलोड नहीं की है।
हमीदिया अस्पताल में बुधवार देर रात जमकर हंगामा हो गया। इमरजेंसी में आए मरीज को समय पर उपचार नहीं मिलने से मरीज की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक जब मरीज इमरजेंसी में पहुंचा तो उस समय वार्ड में कोई सीएमओ मौजूद नहीं था। यही नहीं वहां मौजूद जूडा को आॅक्सीजन सैचुरेशन चैक करने के लिए कोई उपकरण नहीं था। इलाज में देर होने पर मरीज की मौत हो गई, जिससे परिजन भड़क गए और हंगामा कर दिया। रात करीब 11:15 पर मरीज को हमीदिया अस्पताल लाया गया। वहां कोई सीएमओ ना होने से मरीज का पर्चा नहीं बन सका, इलाज में देर हो गई।