सिख दंगे: 34 साल बाद न्याय, कांग्रेस नेता सज्जन को उम्रकैद

सिख दंगे: 34 साल बाद न्याय, कांग्रेस नेता सज्जन को उम्रकैद

नई दिल्ली


1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दंगा भड़काने और साजिश रचने के मामले में दोषी ठहराया है। हालांकि कोर्ट ने हत्या के मामले में उन्हें बरी कर दिया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस पार्टी तीन राज्यों में सरकार बनाने जा रही है।

दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला पढ़ते हुए कहा, '1947 की गर्मियों में बंटवारे के वक्त कई लोगों की हत्या की गई। 37 साल बाद दिल्ली में ऐसी ही घटना घटी। अभियुक्त राजनीतिक संरक्षण का फायदा उठाकर बच निकले।'

आपको बता दें कि पूरे 34 साल के बाद कोर्ट ने सज्जन कुमार को दोषी ठहराया गया जबकि इससे पहले उन्हें बरी कर दिया गया था। आपको बता दें कि सीबीआई ने 1 नवंबर, 1984 को दिल्ली कैंट के राज नगर इलाके में पांच सिखों की हत्या के मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को बरी किए जाने के निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। बाद में कोर्ट ने पूछा था कि स्टेट मशीनरी क्या कर रही थी? घटना दिल्ली कैंटोनमेंट के ठीक सामने हुई थी।


मई 2013 में सीबीआई और पीड़ित परिवार के लोगों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।