सिविल जज भर्ती में आरक्षण नियमों का उल्लंघन, जल्द हो सकती है सुनवाई

जबलपुर
प्रदेश में सिविल जज के 252 पद पर भर्ती के लिए विज्ञापित अधिसूचना में आरक्षण नियम की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी गई है। मामले पर इसी सप्ताह सुनवाई होने की संभावना जताई जा रही है।
ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा दाखिल याचिका में आरोप है कि ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। यह एक गम्भीर त्रुटि है। एडवोकेट आरपी सिंह ने याचिका में बताया है कि सिविल जज की नियुक्ति मध्यप्रदेश विधि-विधायी कार्य विभाग द्वारा की जाती है। चूंकि स्वयं मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ही इसकी रिक्रूटिंग एजेंसी है, जिसे लोकसेवा संशोधन अधिनियम 2019 की धारा 4 मेंं शामिल आरक्षण प्रांवधान का उल्लंघन का अधिकार नहीं है। विज्ञापन में यह उल्लेख भी नहीं है कि किस वर्ग को कितना आरक्षण देना है। भर्ती प्रक्रिया में जो साक्षात्कार के 20 अंक तय हैं वह भी न्याय संगत नहीं हैं। इसलिए विगत 5 सितम्बर को जारी किए गए विज्ञापन को निरस्त कर विधि प्रावधानों के अनुसार पुन: प्रकाशन किया जाए।