सीएम योगी बोले- सभी लोग कुछ समय निकाल कर आसन और प्राणायाम करें

सीएम योगी बोले- सभी लोग कुछ समय निकाल कर आसन और प्राणायाम करें

 लखनऊ
 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि योग भारतीय संस्कृति का अद्भभुत उपहार है  सभी लोग अपने व्यस्ततम समय में से कुछ क्षण निकाल कर आसन और प्राणायाम करें । उन्हें  विश्वास  है कि निश्चय ही योग हम सभी के जीवन में नई ऊर्जा एवं स्फूर्ति का संचार करेगा ।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया  कि सभी बाल - मित्र  युवा-साथी हम सब भारतीय योग को अपनी दिनचर्या और जीवन शैली का अभिन्न अंग बनाएं। अपने गांव , कस्बे तथा शहर जहां भी हों, वहीं अपने मित्र, परिजन और सहपाठियों के साथ योग करना आरम्भ करें । 

योग की महत्ता का वर्णन करते हुए सीएम ने बताया कि योगसूत्र के रचयिता महर्षि पतंजलि ने योग को व्याख्यायित करते हुए कहा है – “योगश्चित्तवृत्ति- निरोघः” अर्थात् चित्तवृत्तियों का निरोध ही योग है। यह हमारे चित्त में विषयों की उत्पत्ति को रोकता है । योग जहां हमारे तन को स्वस्थ रहता है वही मन को प्रसन्न । प्रातः स्मरणीय पूज्य गुरु गोरखनाथ  के शब्दों में कहा जाए तो -  योगी योग कमावे, योग योग में रमझ अपेचीं, लख परमानन्द पावे।

सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 11 दिसंबर2014 को एक प्रस्ताव स्वीकार कर 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग - दिवस के रूप में घोषित किया गया । इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर योग के असंख्य लाभों के विषय में सम्पूर्ण संसार में जागरुकता फैलाना है ।

विश्वभर में आज योग विभिन्न रूपों में प्रचलित है । सामान्य तौर  पर आसन और प्राणायाम को ही योग माना जाता है लेकिन वास्तविकता यह है कि ये दोनों योग के विराट स्वरुप के सिर्फ दो अंग हैं । हमारे शास्त्रों में अष्टांग –योग की अवधारणा है । योग के  आठ अंग - यम, नियम, आसन, प्राणायाम , प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि हैं । इनमें से यम योग का प्रथम सोपान है । सत्य, अहिंसा, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह यम के ही रूप हैं । योग का दूसरा सोपान नियम है जिसको शौच, सन्तोष, तप, स्वाध्याय एवं ईश्वर-प्रणिधान के रूप में जाना जाता है । इस तरह शौच अर्थात् स्वच्छता भी एक योग ही है ।