सैनिकों ने ऐसे बचाई जान, US एयरबेस पर ईरानी मिसाइलों का हमला
बगदाद
इराक में मौजूद अमेरिकी एयरबेस पर बुधवार तड़के हमला किया गया। ईरान ने इसमें 80 सैनिकों के मारे जाने का दावा किया है। यह हमला ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी पर हुए एयर स्ट्राइक का बदला लेने के लिए किया गया था। वहीं, अमेरिकी रक्षा सूत्रों का कहना है कि पेंटागन से जारी अलर्ट के कारण हमारे सैनिक जान बचाने में कामयाब रहे।
पेंटागन ने किया था अलर्ट
डेली मेली कि रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा सूत्रों ने बताया कि जब मिसाइल को 6000 मील दूर था तभी सैनिकों को वॉर्निंग मिल गई थी और वे अपने-अपने बंकरों में जा छुपे। ईरान ने स्थानीय समयानुसार बुधवार तड़के ऐन अल-असद और एरबिल बेस में दर्जनभर मिसाइल दागे। राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने न सिर्फ अमेरिकी सैनिक के हताहत होने की खबर का खंडन किया है बल्कि सैन्य अधिकारी ने बताया कि पेंटागन के अर्ली वॉर्निंग सिस्टम ने सैनिकों को संभावित खतरे को लेकर अलर्ट कर दिया था।
ऐसे जुटाई गईं सूचनाएं
मैरीलैंड में मौजूद नैशनल सिक्यॉरिटी एजेंसी का एक बेस मौजूद है जो ऐसी जानकारियां इकट्ठा करता है। डिफेंस स्पेशल मिसाइल ऐंड एरोस्पेस सेंटर ने अलग-अलग रेंज के सैटलाइट्स, रडार और हीट डिटेक्शन का इस्तेमाल कर खुफिया सूचनाएं जुटाई थीं।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी एयर बेस पर हमले के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने देश को संबोधित किया और कमांडर सुलेमानी को याद किया। उन्होंने साथ ही कहा कि हमला सफर रहा और हमने पिछले रात अमेरिका के घमंड पर तमाचा जड़ दिया है। खामेनेई ने साथ ही कहा कि जनरल सुलेमानी की शहादत को ईरान कभी नहीं भूलेगा।

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