हिंद-प्रशांत की संप्रभुता की रक्षा को भारत जैसे समान विचार वाले देशों को एकजुट कर रहा है अमेरिका: पॉम्पियो

हिंद-प्रशांत की संप्रभुता की रक्षा को भारत जैसे समान विचार वाले देशों को एकजुट कर रहा है अमेरिका: पॉम्पियो

 
वॉशिंगटन 

अमेरिका और चीन में ट्रेड वॉर के बीच विदेश मंत्री पॉम्पियो ने पेइचिंग को झटका देने वाला बयान दिया है। अमेरिका ने कहा कि वह भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे समान विचार वाले देशों को एकजुट कर रहा है, ताकि हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र के देशों की संप्रभुता सुनिश्चित की जा सके। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने यह बयान एक कार्यक्रम के दौरान दिया है। उन्होंने कहा कि इन देशों को किसी भी दबाव का सामना नहीं करना होगा। अमेरिकी विदेश मंत्री की तरफ से यह बयान ऐसे मौके पर आया है, जब कुछ ही दिन पहले अमेरिका, फिलीपींस और जापान की नौसेना के साथ भारतीय नौसेना ने भी दक्षिण चीन सागर में संयुक्त अभ्यास किया था।  
 

बताया जा रहा है कि यह अपनी तरह का पहला अभ्यास था। चीन कई मौकों पर दक्षिण चीन सागर पर अपना वर्चस्व दिखाने की कोशिश कर चुका है। पोम्पियो ने कैलिफॉर्निया में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, 'हम ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे समान विचार वाले देशों को एकजुट कर रहे हैं ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र का प्रत्येक देश किसी तरह के भी दबाव से अपनी संप्रभुता की रक्षा कर सके।' 

उन्होंने कहा कि यह स्वतंत्र एवं खुली व्यवस्था के प्रति एक व्यापक प्रतिबद्धता का हिस्सा है। पोम्पियो ने कहा कि राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की नीतियां एशिया में महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में अपनी सैन्य उपस्थिति को मजबूत किया है। 

अमेरिकी विदेश मंत्री ने चीन पर निशाना साधते हुए कहा, 'हमारे राष्ट्रपति ने चीन को हमारा सामान चुराने से रोकने के लिए कार्रवाई की है। अब किसी भी अमेरिकी कंपनी को चीन में व्यापार करने के नाम पर अपनी तकनीकी खूबियों का सौदा नहीं करना होगा।' 

वहीं चीन का दावा है कि दक्षिण चीन सागर का लगभग पूरा रणनीतिक क्षेत्र उसके पास है, जबकि ब्रुनई, इंडोनेशिया, मलयेशिया, फिलीपींस, ताइवान और वियतनाम भी इसमें दावा करते हैं। चीन का कहना है कि अमेरिका, भारत और जापान का वहां कोई दावा नहीं है।