स्‍तनपान के दौरान ब्रेस्‍ट कम्‍प्रेशन के फायदे, जानिए इसे करने का सही तरीका

स्‍तनपान के दौरान ब्रेस्‍ट कम्‍प्रेशन के फायदे, जानिए इसे करने का सही तरीका


ब्रेस्ट कम्प्रेशन, स्तनपान के दौरान स्तन को दबाने या निचोड़ने का उपयोगी तरीका है। इसे स्‍तन संपीड़न भी कहा जाता है। इससे दूध ग्रंथियों पर दबाव पड़ने से दूध का बहाव तेज होता है। इस तेज प्रवाह को शिशु सक्रिय रूप से चूसने का प्रयास करता है और शिशु को पर्याप्‍त मात्रा की तुलना में अधिक दूध पी पाता है।

एक बार स्तनपान की प्रक्रिया ठीक से होने के बाद स्तन अच्छे से खाली हो पाता है और फिर से दूध बनना शुरू होता है। वरना स्‍तनों में दूध जमने से स्‍तनों से स्‍त्राव होने लगता है। आइए जानते हैं स्तन संपीड़न के फायदों के बारे में।

स्तनपान को आसान बनाएं
गर्भावस्था के बाद कुछ महिलाओं को स्तनपान एक मुश्किल प्रक्रिया लगती है। स्तन संपीड़न की इस प्रक्रिया को आसान बनाता है। स्‍तन संपीड़न की वजह से बच्‍चें को पर्याप्‍त मात्रा की तुलना में अधिक दूध पीने को मिलता है। जिससे शिशु का पेट भी भर जाता है और आपको ज्‍यादा तकलीफ भी नहीं होती है। यह प्रक्रिया तब बहुत कारगर होती है, जब बच्चा सक्रिय रूप से चूसना बंद कर देता है। जब स्तन संपीड़न के कारण दूध का प्रवाह शुरू हो जाता है, तो वह अपने आप दूध खींचने लगता है। जब शिशु चूस रहा हो तब दबाव बनाए रखें और फिर दबाव छोड़ दें। तब तक संपीड़न दोहराएं जब तक वह सक्रिय रूप से पीना शुरू न कर दे।

दूध की नालिका को ब्‍लॉक होने से बचाता है
पहले अक्‍सर स्‍तनपान कराने वाली महिलाओं को स्‍तनपान संपीड़न को लेकर भ्रम था कि ज्‍यादा स्‍तनों पर दवाब बनाने से दूध नलिकाओं का मार्ग अवरुद्ध करता है। हालांकि, यह सही नहीं है। बल्कि स्तन संपीड़न की वजह से दूध पर्याप्त मात्रा में निकल पाता है और इसकी वजह से दूध नलिकाएं अधिक सक्रिय होती हैं। ध्यान रखिए स्तन संपीड़न में स्तनों को जबरदस्ती दबाया या निचोड़ना नहीं चाहिए। इसे सही तरीके से करना चाह‍िए।

दूध का बहाव करता है तेज
स्‍तनपान के दौरान जब शिशु को भूख लगती है तो शिशु अपने आप ही दूध चूसते रहते हैं। यह उनकी प्राकृतिक क्रिया होती है। मगर जब दूध का प्रवाह कम हो जाता है, तो वो अधिक खींचने का प्रयास नहीं कर पाता। कई बार स्‍तन चूसते चूसते थककर शिशु सो जाते है। इसकी वजह से वह सक्रिय रूप से स्तनपान नहीं कर पाते। स्तन संपीड़न के बाद दूध का प्रवाह तेज होता जिससे शिशु सक्रिय रहकर पीता है और वह अपनी भूख को मिटा पाता है।

स्तनों के दर्द को कम करता है
स्तनपान के दौरान स्तनों में दर्द होना स्वाभाविक है। इसके पीछे का एक मुख्य कारण ढंग से स्तनपान नहीं कराना होता है। स्‍तनों में दूध के जमाव के कारण स्‍तन भारी लगने लगते हैं। जब स्तन संपीड़न के कारण यह प्रक्रिया अच्छे से होती है तो दूध का बहाव तेज होता है और स्‍तनों में दूध ज्‍यादा इक्‍ट्ठा नहीं रहता है और इससे दर्द की संभावना भी कम हो जाती है।

नई माएं रखे ख्‍याल
स्तन संपीड़न, स्तनपान के लिए एक उपयोगी उपकरण है। यह माँ और बच्चे दोनों के लिए स्तनपान की प्रक्रिया को आसान बनाता है। इसके अलावा नई मांओं को दूध पिलाने में कई तरह की समस्‍याएं होती है, इसल‍िए ब्रेस्‍ट कंप्रेशन की सही विधि उन्‍हें मालूम होनी चाहिए। स्‍तनपान कराते हुए उन्‍हें धीरे धीरे और सामान्‍य तरीके से निप्‍प्‍ल के आसपास वाले हिस्‍सों पर सामान्‍य दबाव बनाना चाह‍िए।

इन बातों का ध्‍यान रखें
- चाहे आप हाथों से ब्रेस्‍ट कम्‍प्रेश करें या ब्रेस्‍ट पंप से हमेशा ध्‍यान रखें कि आपके हाथ साफ सुथरे और बोटल स्‍टेरलाइज हो।

- ब्रेस्‍ट कम्‍प्रेशन के दौरान तनावमुक्‍त रहें, क्‍योंकि स्‍तनपान कराते समय शरीर से ऑक्‍सीटोसिन हार्मोन निकलता है जिससे दूध बनता है निकलता है।