हसन रोहानी ने अमेरिकी प्रतिबंधों को आर्थिक आतंकवाद करार दिया

हसन रोहानी ने अमेरिकी प्रतिबंधों को आर्थिक आतंकवाद करार दिया

तेहरान 
साल 2015 में ईरान के पी51 देशों और यूरोपीय संघ के बीच हुए परमाणु समझौते से अमेरिका के बाहर हो जाने के बाद वॉशिंगटन ने तेहरान पर एक के बाद कई प्रतिबंध लगा दिए हैं। अब उन प्रतिबंधों को ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी ने 'आर्थिक आतंकवाद' करार दिया है। रोहानी ने शनिवार को टेलिविजन पर अपने अभिभाषण में कहा, 'अमेरिका का ईरान पर अवैध और अन्यायपूर्ण प्रतिबंध लगाना हमारे देश पर निशाना साधना है जो कि आतंकवाद की स्पष्ट घटना है।' 

उन्होंने यह बात आतंकवाद और क्षेत्रीय सहयोग पर आयोजित सम्मेलन में कही जिसमें अफगानिस्तान, चीन, पाकिस्तान, रूस और तुर्की के वक्ताओं ने भी हिस्सा लिया। रोहानी ने कहा, 'हम पर जी-जान से हमला किया जा रहा है जो न सिर्फ हमारी आजादी और पहचान के लिए खतरा है बल्कि हमारे पुराने संबंधों को तोड़ने की कोशिश है।' 

रोहानी ने इस दौरान सम्मेलन में शामिल उन सभी देशों का भी उल्लेख किया जिन्हें प्रतिबंध का सामना करना पड़ा है। रोहानी ने कहा, 'जब उन्होंने चीन के व्यापार पर दबाव डाला हम सभी को क्षति हुई, तुर्की को दंडित करने पर हम सभी दंडित हुए। जब कभी भी उन्होंने रूस को धमकी दी, हमें लगा कि हमारी सुरक्षा भी खतरे में है।' 

उन्होंने कहा, 'जब उन्होंने ईरान पर प्रतिबंध लगाया, तब उन्होंने हम सभी को अंतरराष्ट्रीय व्यापार, ऊर्जा सुरक्षा और स्थायी विकास के लाभ से वंचित कर दिया। और वास्तव में, उन्होंने हर किसी पर प्रतिबंध लगा दिया।' रोहानी ने इस दौरान यूरोप को भी आगाह किया जिसने परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा, 'हम यहां यह कहने आए हैं कि हम इस गुस्ताखी को बर्दाश्त नहीं करेंगे।" 

ईरान के राष्ट्रपति ने विशेष रूप से अफगानिस्तान मादक पदार्थों के खिलाफ अपने प्रयास का उल्लेख करते हुए कहा, 'उन्हें यह जानने की जरूरत है कि ईरान पर प्रतिबंध लगाकर वे ड्रग्स और आतंकवाद से लड़ने की हमारी क्षमता को नुकसान पहुंचा रहे हैं।' 

उल्लेखनीय है कि यूरोपीय संघ ईरान में पैसे के प्रवाह के लिए भुगतान व्यवस्था 'स्पेशल पर्पस वीकल' पर काम कर रहा है लेकिन ट्रंप प्रशासन के डर की वजह से कोई देश मेजबानी करने इसके लिए आगे नहीं आ रहा। तेहरान में आयोजित सम्मेलन आतंकवाद पर बुलाई गई दूसरी क्षेत्रीय बैठक थी। पहले सम्मेलन का आयोजन इस्लामाबाद में दिसंबर में किया गया था।