काशी में सेना ने खोला 27 सालों से बंद पड़ा रास्ता
वाराणसी
वाराणसी के गोरखा ट्रेनिंग सेंटर से होकर गुजरने वाले करियप्पा मार्ग को 27 साल बाद मंगलवार को खोल दिया गया। इस मार्ग के खुलने से शहर के बड़े इलाके में लगने वाले जाम से निजात मिल जाएगी। फिलहाल ट्रायल के तौर पर एक महीने के लिए इसे खोला गया है। इसके बाद स्थायी रूप से खोलने पर निर्णय होगा।
प्रवासी भारतीय सम्मेलन को देखते हुए डीएम सुरेंद्र सिंह ने पीएमओ तथा रक्षा मंत्रालय को पत्र भेजकर शहर को जाम से निजात के विकल्प के तौर पर करियप्पा मार्ग खोलने की मांग की थी। रक्षा मंत्रालय की सहमति के बाद पीएमओ ने मार्ग खोलने की स्वीकृति की जानकारी दो दिन पहले दी थी। मंगलवार को डीएम की 39 जीटीसी के बिग्रेडियर और अन्य अधिकारियों से साथ इस बारे में वार्ता हुई। इसके बाद करियप्पा मार्ग खोल दिया गया। वार्ता में प्रवासी सम्मेलन में आने वाले विदेशी मेहमानों को जीटीसी ट्रेनिंग सेंटर तथा संग्रहालय दिखाए जाने पर भी सहमति बनी। करियप्पा मार्ग से आने जाने वालों को कुछ नियमों का पालन करना होगा। इस बारे में बुधवार को गाइड लाइन जारी की जाएगी।
बता दें कि करियप्पा मार्ग को 1992 में सेना ने सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर दिया था। यह मार्ग शहर के एक छोर लहरतारा स्थित रेलवे के डीआरएम आवास के सामने से छावनी क्षेत्र होते हुए दूसरे छोर मिंट हाउस तिराहे के पास निकलता है। इसके खुल जाने से शहर के मुख्य मार्ग सिगरा, रथयात्रा, महमूरगंज, मलदहिया, अंधरापुल आदि इलाकों में लगने वाले जाम से छुटकारा मिल जाएगा तो दूरी आधी हो जाने से समय भी बचेगा।