पाक में हाफिज़ के संगठन पर इसलिए बैन
इस्लामाबाद
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में कहा है कि मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज़ सईद के चैरिटी ऑर्गनाइजेशन के मीडिया कवरेज पर बैन का मकसद इसके पैसा इकट्ठा करने पर रोक लगाना है। विदेश मंत्रालय जिस संगठन की बात कर रहा है, उसका नाम फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF) है। यह हाफिज़ सईद के आतंकी संगठन जमात-उद दावा की चैरिटी विंग है।
2018 की शुरुआत में पाकिस्तान की पिछली PML-N सरकार ने राष्ट्रपति अध्यादेश के ज़रिए जमात-उद दावा पर प्रतिबंध लगाया था और FIF के मीडिया कवरेज पर रोक लगाई थी। इसके बाद FIF यह प्रतिबंध हटवाने के लिए इस्लामाबाद हाई कोर्ट चला गया था।
शनिवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने FIF की याचिका के जवाब में अपना लिखित जवाब कोर्ट को सौंपा। जवाब में लिखा गया, 'फाउंडेशन पर हर तरह के मीडिया कवरेज के प्रतिबंध का मकसद मीडिया विज्ञापनों के ज़रिए फंड इकट्ठा करने और दान लेने पर रोक लगाना है। ऐसे संगठन का मीडिया कवरेज UNSC 1267 प्रतिबंधों का उल्लंघन है।' इस्लामाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस फारूख ने मंत्रालय के वकील, पाकिस्तानी मीडिया नियंत्रक और सूचना-प्रसारण मंत्रालय की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
जवाब के मुताबिक FIF पर प्रतिबंध इसलिए लगाए गए हैं, क्योंकि यह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा फाउंडेशन है, जिसका पैरेंट ऑर्गनाइजेशन जमात-उद दावा है, जो भारत में हुई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। पाकिस्तानी मीडिया नियंत्रक के लिखित जवाब के मुताबिक FIF के मीडिया कवरेज पर बैन इसलिए लगाया गया है, क्योंकि 18 जनवरी 2018 को सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने ऐसा करने के लिए कहा था।
डेप्युटी अटॉर्नी जनरल राजा खालिद महमूद खान ने कोर्ट से गुज़ारिश की है कि फाउंडेशन पर से प्रतिबंध न हटाया जाए, क्योंकि इससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में गलत संदेश जाएगा।