बच्चों को टेनिस खिलाने ले जाती थीं, अब 47 की उम्र में खुद बनी राष्ट्रीय चैंपियन
इंदौर
शहर के बच्चे तो टेनिस में राष्ट्रीय स्तर पर अपना कमाल दिखा ही रहे हैं, अब मम्मियां भी पीछे नहीं हैं। बच्चों को टेनिस खिलाने कोर्ट ले जाने वाली इंदौर की नीलम चोपड़ा और कशिश सतवानी ने कभी सोचा नहीं था कि टेनिस खिलाड़ी बनेंगी। मगर 47 साल की उम्र में उन्होंने मुंबई में राष्ट्रीय सीनियर रैंकिंग टेनिस टूर्नामेंट में खिताब जीतते हुए साबित कर दिया कि उम्र सिर्फ एक अंक है।
नीलम ने बताया मेरी दोनों बेटियां तुहीना और कोहिना टेनिस खेलती हैं। उन्हें इंदौर टेनिस क्लब (आईटीसी) ले जाती थी और वहीं बैठकर उन्हें देखती थी। यहीं 75 वर्ष के केसी शर्मा के कहने पर थोड़ा टेनिस खेलना शुरु किया। धीरे- धीरे इस खेल में मन लग गया। नीलम ने बताया कि वे पहली बार राष्ट्रीय स्तर के किसी टूर्नामेंट में खेलीं। उन्होंने कहा- हमें पता चला था कि अहमदाबाद में सीनियर सिटीजन (35 वर्ष से अधिक) टूर्नामेंट हो रहा है तो हमने भी इंट्री भेज दी।
तब आयोजकों ने बताया कि यह महिलाओं के लिए नहीं है। मगर हमारे निवेदन पर उन्होंने भविष्य में महिलाओं का टूर्नामेंट कराने का आश्वासन दिया। फिर मुंबई में जब यह टूर्नामेंट हुआ तो हमें सूचना मिली। मगर मुश्किल यह थी कि इस दौरान मैं चोटिल थी। यदि नहीं जाती तो हो सकता है भविष्य में महिलाओं के टूर्नामेंट दोबारा नहीं होता। इसलिए हमने खेलने का फैसला किया।
बेटी को हराकर जीता था खिताब
नीलम के अनुसार बहुत साल पहले उन्होंने आईटीसी में हुए एक टूर्नामेंट में शौकिया तौर पर हिस्सा लिया था। तब फाइनल में अपनी ही बेटी तुहीना को हराया था, जो तब बहुत छोटी थी। इससे नाराज होकर तुहीना ने मैच के बाद हाथ मिलाने से इनकार कर दिया था।
महिलाओं के लिए घर छोड़कर जाना होता है मुश्किल
कशिश की उम्र भी 47 साल है और अपना बिजनेस संभालती हैं। उन्होंने कहा- महिलाओं पर जिम्मेदारियां ज्यादा होती है और घर छोड़कर जाना मुश्किल हो जाता है। हमारे साथ अभ्यास करने वाली कई महिलाएं इसलिए टूर्नामेंट नहीं खेल सकीं क्योंकि दिवाली के कारण घर में काम था। उन्होंने कहा- मैं भी बच्चों को खिलाने ले जाती थी और उन्हें देखकर मेरा भी मन खेल में लगा। मैं पहली बार किसी टूर्नामेंट में खेली। युगल में हमारे सामने जो जोड़ी थी, वे पेशेवर कोच थीं। मगर हम बेहतर खेल दिखाकर जीते। वहां 60 साल उम्र की महिलाएं भी थीं। सभी के परिवार में कुछ न कुछ दिक्कतें होती हैं, लेकिन उन्हें पीछे छोड़ महिलाएं टूर्नामेंट में हिस्सा लेने पहुंचीं, यह अच्छी बात लगी।
ऐसे पाई सफलता
नीलम ने एकल फाइनल में महाराष्ट्र की राजश्री जायसवाल को हराकर खिताब जीता। महिला युगल फाइनल में नीलम और कशिश की जोड़ी ने गीता व्यास और एम. रमानी (गुजरात-आंध्रप्रदेश) की जोड़ी को पराजित कर खिताब जीता।