बिहार के गांव-गांव पुलिस तैयार करेगी अपराधियों का डाटा

बिहार के गांव-गांव पुलिस तैयार करेगी अपराधियों का डाटा

पटना    
अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस सख्त कदम उठाएगी। डीजीपी ने राज्य के हर गांव के अपराधियों का डाटा तैयार करने का निर्देश दिया है। जमानत पर बाहर आए अपराधियों पर निगरानी रखने के लिए पुलिस कानूनी पहल करेगी। डीजीपी ने इसके साथ हथियार के तमाम लाइसेंस की भी जांच के आदेश दिए हैं। घर का कोई भी सदस्य अपराधी होगा तो लाइसेंस रद्द कराने की कार्रवाई होगी।

कानून-व्यवस्था समेत पुलिसिंग के अन्य मसलों पर गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान दौरान डीजीपी ने फील्ड के अफसरों को हर हाल में अपराध पर अंकुश लगाने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी गांव के अपराधियों का डाटा तैयार करने का टॉस्क भी अधिकारियों को सौंपा। आठ तरह के अपराध में शामिल बदमाशों को इसमें रखा जाएगा।

डीजीपी ने दो सप्ताह में डाटा तैयार करने का निर्देश जिलों को दिया है। इसमें नाम-पते के साथ आपराधिक इतिहास और दूसरी जरूरी जानकारियां रहेंगी। यदि किसी का अबतक आपराधिक इतिहास पुलिस के पास नहीं है पर वह क्राइम कर रहा तो उसे पुलिस रिकार्ड में लाया जाएगा। इसके बाद ऐसे तमाम बदमाशों के नाम गुंडा रजिस्टर में दर्ज किए जाएंगे।

पुलिस मुख्यालय के मुताबिक गांव-गांव अपराधियों का डाटा तैयार करने के लिए अपराध की आठ श्रेणी को रखा गया है। इसमें चोरी, गृह भेदन, लूट, डकैती, शराबी, शराब का धंधेबाज, पेशेवर हत्यारा व फिरौती हेतु अपहरण में शामिल होगा। यानी इस तरह के किसी भी मामले में जिसका नाम शामिल होगा उसका थानावार डाटा तैयार होगा।