मतगणना से पहले बढ़ी मंत्री की मुश्किलें, चेक बाउंस मामले में वारंट जारी

मतगणना से पहले बढ़ी मंत्री की मुश्किलें, चेक बाउंस मामले में वारंट जारी

भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा एग्जिट पोल के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए स्वयं को सबसे बड़ा सर्वेयर बताने पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने पलटवार करते हुए कहा कि है कि जनता से बड़ा कोई नहीं है।

कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सिंह को अब यह मान लेना चाहिए कि जनता से बड़ा कोई नहीं होता है। प्रदेश की जनता ने मन बना लिया है कि प्रदेश से भाजपा की विदाई का। शिवराज अभी भले ख़ुद को सबसे बड़ा माने लेकिन 11 दिसंबर को उन्हें मानना पढ़ेगा कि जनता से बड़ा कोई नहीं। उन्होनें कहा कि भाजपा की प्रदेश से विदाई किसानो के हित के लिए ज़रूरी है, युवाओं के रोजग़ार के लिए ज़रूरी है, महिलाओं के हित व सम्मान के लिए ज़रूरी है, सभी वर्गों की बेहतरी के लिए ज़रूरी है, प्रदेश के विकास के लिए ज़रूरी है।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की मतगणना से ठीक पहले शिवराज सरकार में मंत्री सुरेंद्र पटवा की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है. कोर्ट ने मंत्री पर कई मामलों में गिरफ्तारी वारेंट जारी कर दिए हैं. राजनीतिक मामलों के लिए गठित विशेष अदालत ने यह आदेश दिया है. बैंक संबंधित कई देनदारियों में सुरेंद्र पटवा ने 30 लोगों को करोड़ों के चेक दिए थे.

दरअसल, मौजूदा शिवराज सरकार में पर्यटन व संस्‍कृति राज्‍य मंत्री हैं और पूर्व मुख्‍यमंत्री सुंदरलाल पटवा के भतीजे सुरेंद्र पटवा पर मौजूदा समय में करीब 34 करोड़ रुपये का कर्ज है. उन पर चेक बाउंस का मामला भी दर्ज है. मंत्री ने एक फर्म से ब्याज पर रुपए उधार लिए थे. इसकी अदायगी के लिए जो चेक दिया वह बैंक से वापस आ गया. रुपए उधार देने वाली फर्म ने जिला कोर्ट में पटवा के खिलाफ परिवाद दायर किया था, जिसके बाद यह मामला बढ़ गया था.

इससे पहले भोजपुर से बीजेपी प्रत्याशी सुरेन्द्र पटवा का नामांकन भी विवादों में पड़ गया था. पटवा पर आरोप था कि उन्होंने शपथ पत्र में बैंक और शिक्षा से संबंधित गलत जानकारी दी. इसके अलावा पटवा ने 2013 के चुनाव में जानकारी दी थी कि 1983 में उन्होंने बीकॉम किया, लेकिन इस बार दिए शपथ पत्र में उन्होंने 1984 में एमकॉम करना बताया. हालांकि बाद में यह मामला तब सुलझा जब मंत्री की तरफ से बताया गया कि जानकारी देने में गलती हो गई है.