महाकाल में भगदड़ के बाद प्रशासन सतर्क , सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव
उज्जैन
सावन के पहले सोमवार को महाकाल मंदिर में मची भगदड़ के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है। प्रशासन ने मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव करते हुए पुलिसकर्मियों की संख्या भी बढ़ा दी है। आज सुबह 5 बजे से ही श्रद्धालुओं को लाइन में लगवाना शुरू कर दिया गया था। साथ ही बेरिकैडिंग अब हरसिद्धि मंदिर तक कर दी गई है।
सावन के पहले सोमवार के दिन सुबह करीब 10:30 बजे दर्शनों को लेकर भगदड़ जैसी स्थिति हो गई थी। यही नहीं, कुछ श्रद्धालुओं के बीच भी मारपीट हो गई तो गिरने की वजह से कुछ लाेग घायल भी हो गए थे। इसका एक और वीडियो भी मंगलवार को सामने आया। वीडियो में पुलिसकर्मी एक व्यक्ति को पीटते हुए दिख रहे हैं। इसके अलावा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कुछ लोगों में थप्पड़ भी मारते दिख रहे हैं। इससे पहले गेट नंबर 3 और 4 पर श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हो गई थी। यही नहीं, भीड़ को देखते हुए कर्मचारियों ने गेट नंबर 4 के पास भस्मारती गेट को भी खोल दिया था। भीड़ में 4 महिलाएं और 2 बच्चे भी दब गए। गनीमत रही कि कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई।
कलेक्टर आशीष सिंह ने भी व्यवस्था में बदलाव की बात कही थी। इसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर दूसरे दिन मंगलवार से ही महाकाल मंदिर में व्यवस्थाओं को बदला गया। इसके लिए अल सुबह 4 बजे मंदिर की सहायक प्रशासक पूर्णिमा शृंगी को भेजा गया। यहां उन्होंने सुबह 5 बजे से ही श्रद्धालुओं की लाइन लगवाना शुरू कर दी थी। इसके साथ अब बेरिकैडिंग हरसिद्धि मंदिर तक कर दी गई है।
अब गेट नंबर 3 और 4 पर लोगों को जुटने नहीं दिया जाएगा। सभी श्रद्धालु बेरिकैडिंग से ही दर्शन करने आएंगे। साथ ही, प्रवेश द्वार और निर्गम द्वार पर पुलिसकर्मी समेत मंदिर समिति के गार्ड की संख्या में इजाफा कर दिया गया है। आने वाले सोमवार से पहले मंदिर समिति सुरक्षा को लेकर नया प्लान तैयार करेगी। इससे पहले 26 जुलाई 1996 सोमवती अमावस्या के दिन यहां भगदड़ मच गई थी। इसमें 35 लोगों की मौत हो गई थी।