शहर को 'खुले में शौच से मुक्त' करने की चुनौती, इस माह के अंत में केन्द्रीय टीम आएगी 

भोपाल
ओडी फ्री (खुले में शौच से मुक्त) के डबल प्लस सर्टिफिकेशन के लिए  राजधानी में शहर में सर्वे इस माह के अंत में होगा। इसके लिए शहर में तेजी से तैयारियां चल रही है।  निगम के स्वास्थ्य प्रभारियों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि उनको नए मापदंडों के बारे में पता चल सके। इसके लिए केन्द्रीय सर्वेक्षण टीम इस माह के अंत में शहर का औचक निरीक्षण करेगी।  

पिछले साल भी इसके लिए भारी मशक्कत की गयी थी। उस समय  शहर में करीब 34 हजार 600 टॉयलेट बनाए गए और 137 स्थानों पर 1938 मॉड्यूलर टॉयलेट रखवाए गए थे।  इसके अलावा सामुदायिक शौचालय का निर्माण अतिरिक्त रूप से कुछ स्थानों पर किया गया। इस सब पर करीब 56 करोड़ रुपए खर्च भी हुए थे। 

एक बार फिर स्लम एरिया, रेल की पटरियां आदि क्षेत्रों में  मॉड्यूलर टॉयलेट रखवाने की तैयारी चल रही है। इसके अलावा  वहां पानी और गंदगी निकासी के पुख्ता इंतजाम किये जा रहे हैं।  बस्तियों में घर-घर शौचालय बनवाते समय क्वालिटी का भी निरीक्षण होगा। 

इस बार राष्टÑीय सर्वेक्षण टीम के सदस्यों की नजर केवल ओडीएफ फ्री एरिया में ही नहीं होगी बल्कि वह अलग अलग लोगों से चर्चा भी करेंगे कि उनकी क्या स्थिति है और सही में क्या खुले में शौच बंद हो गयी है या केवल दिखावा है।